चक्रीय अर्थव्यवस्था, वाहन स्क्रैप के माध्यम से वृद्धि पर नजर
ज्योति मुकुल और शैली सेठ मोहिले / नई दिल्ली August 23, 2021
चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद से भारत की वाहन स्क्रैपिंग नीति में 25 साल पुराने वाणिज्यिक और 20 साल पुराने निजी वाहनों को खत्म करने पर प्रोत्साहन देने योजना तैयार की गई है। वहीं नए उत्सर्जन मानकों या परीक्षण में अनफिट पाए जाने वाले वाहनों की स्क्रैपिंग अभी बड़ी चुनौती है। संगठित स्क्रैपिंग सुविधा सीमित है, जिसकी वजह से वाहनों की धातु और यहां तक कि बैटरी स्क्रैप को पर्यावरण के लिए सुरक्षित तरीके से निपटाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
नीति पेश करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश इस समय चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वाहनों की स्क्रैपिंग की नीति इसका एक महत्त्वपूर्ण शुरुआती पड़ाव है, क्योंकि यह रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल की अवधारणा पर काम करता है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और मारुति सुजूकी ने वाहनों के स्क्रैपिंग के लिए साझेदारी की है। पिछले सप्ताह देश में वाणिज्यिक वाहनों की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा कि उसने गुजरात सरकार के साथ अहमदाबाद में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिए समझौता किया है।
एमएसटीसी के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने वाली एमऐंडएम के अलावा बड़े ऑटोमोबाइल कारोबारियों को अभी अपनी योजना का खुलासा करना बाकी है कि इस्तेमाल हो चुकी कारों का वे क्या करेंगी। स्क्रैप वाले वाहनों की संभावित संख्या को देखते हुए देश में स्क्रैपिंग की सुविधा पर्याप्त नहीं है। सरकार कंपनियों को प्रोत्साहित कर रही है कि मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण और कामकाज) नियम, 2021 के तहत इस तरह के केंद्र स्थापित करें।
आमतौर पर कारों को स्क्रैप करने की प्रक्रिया में उनके विभिन्न हिस्सों को अलग करना, बचे हुए हिस्से, जिसमें ज्यादातर स्टील और एल्युमीनियम होता है, को पिघलाना शामिल होता है। स्टील के फिर से इस्तेमाल से कार विनिर्माताओं की लागत 20 से 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
एक कार विनिर्माता कंपनी के अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि जब वाहन निर्माता बड़े पैमाने पर स्क्रैपिंग का काम करेंगे और 1,00,000 से ज्यादा वाहनों को हर महीने तोड़ा जाएगा तो लागत में बचत बहुत ज्यादा होगी। स्क्रैपिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को अमेरिका और यूरोप से ऐसे संयंत्र के लिए उपकरण लाने होंगे।
सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट में कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा, 'अगर उचित तरीके से इन्हें विघटित किया जाए तो स्क्रैप से ऑटोमोटिव, स्टील और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के साथ अन्य उद्योगों के लिए सामग्री मिल सकती है।
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