भारत अब द्विपक्षीय कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए अमेरिका के साथ बाजार तक पहुंच के मसलों पर काम करेगा, क्योंकि अमेरिका ने संकेत दिए हैं कि वह नए व्यापार समझौते पर विचार नहीं कर रहा है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा था कि दोनों देशों की ओर से बाजार तक पहुंच के मसले का समाधान हमारे निर्यात क्षेत्र के लिए बड़ा अवसर होगा। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका में जनवरी में जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद अब परिस्थितियां अलग हैं। एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, 'अमेरिका की प्राथमिकता अब आर्थिक बहाली पर ध्यान केंद्रित करना और मौजूदा बहुपक्षीय व्यापार के मसलों का समाधान करना है।' अधिकारी ने कहा, 'निकट भविष्य में संभवत: अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं होगा।' इसके पहले भारत ने अमेरिका के साथ सीमित समझौता करने के लिए गहनता से बात की थी। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार की जटिलताओं को भी चिह्नित किया था। उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते की संभावना पर भी चर्चा की थी। बहरहाल कुछ विवादास्पद मसलों का समाधान नहीं हो सका, जिसके कारण सीमित कारोबारी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सका। उसके बाद बाइडेन प्रशासन के कामकाज संभालने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि दोनों देश नए व्यापार पैकेज पर बात करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अमेरिका विश्व व्यापार संगठन के नियमों के मुताबिक काम करते हैं। कट्स इंटरनैशनल के सेक्रेटरी जनरल प्रदीप मेहता ने कहा, 'हम भारत और अमेरिका के व्यापार को निवेश समझौतों के माध्यम से प्रमोट कर सकते हैं। निवेश समझौते करना आसान होगा। निवेश समझौते आर्थिक सहयोग का मौका देते हैं।'
