शेयरधारकों द्वारा सिद्घार्थ लाल की नियुक्ति को ठुकराने के बाद पैदा हुए संकट के समाधान के लिए आयशर मोटर्स के निदेशक मंडल द्वारा जल्द बैठक किए जाने की संभावना है।
हालांकि इसके बारे में अभी कोई पुष्टिï नहीं हुई है कि क्या बोर्ड लाल का वेतन 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के पिछले निर्णय की समीक्षा करेगा या नहीं, लेकिन इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसकी संभावना नहीं दिख रही है। संपर्क किए जाने पर कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड जल्द ही इस बारे में निर्णय लेगा। आयशर मोटर्स के शेयरधारकों ने प्रबंध निदेशक के तौर पर सिद्घार्थ लाल की पुन: नियुक्ति और उनका वेतन 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की।
इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवायजरी सर्विसेज (आईआईएएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि शेयरधारक इस प्रस्ताव के समर्थन में वोटिंग करते तो, लाल का वेतन चालू वित्त वर्ष के लिए 23.23 करोड़ रुपये होता, जो इस क्षेत्र में अन्य प्रबंध निदेशकों से काफी ज्यादा है, जिनमें मारुति सुजूकी के केनिची अयूकावा (4.7 करोड़ रुपये), एमऐंडएम के अनीश शाह (9.41 करोड़ रुपये), अशोक लीलैंड के विपिन सोंधी (2.2 करोड़ रुपये) मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस आंकड़े के मुकाबले एकमात्र अन्य दिग्गज वाहन क्षेत्र से बजाज ऑटो के राजीव बजाज हैं, जिन्हें 40.6 करोड़ रुपये का वेतन मिलता है। दिलचस्प बात यह है कि उपर्युक्त उद्योग दिग्गजों में सिर्फ बजाज और लाल ही अपनी संबद्घ कंपनियों के प्रवर्तक हैं। लाल का कुल वेतन वर्ष 2016-17 के 9.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 21.12 करोड़ रुपये हो गया था, जो करीब 130 प्रतिशत तक की वृद्घि है।