टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) के शेयरधारक कंपनी के मौजूदा चेयरमैन और निदेशक एन चंद्रशेखरन को दूसरा कार्यकाल देने पर 14 सितंबर को मतदान करेंगे। कंपनी के शेयरधारकों की ऑनलाइन बैठक ऐसे समय हो रही है, जब टाटा समूह में अधिग्रहण एवं नई डिजिटल पहलों समेत बड़े बदलाव हो रहे हैं। टाटा संस के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। टाटा समूह से जुड़े लोगों के मुताबिक चंद्रा के कार्यकाल के दौरान समूह ने वायरलेस दूरसंचार से हमेशा के लिए निकलकर और भूषण स्टील तथा बिग बास्केट जैसी विभिन्न उपभोक्ता वेबसाइटों का अधिग्रहण कर पुरानी दिक्कतों से निपटने की दिशा में काम किया है। टाटा संस की सहायक कंपनी पैनाटोन फिनवेस्ट ने हाल में बेंगलूरु की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता तेजस नेटवर्क में 43.3 फीसदी हिस्सेदारी 1,850 करोड़ रुपये में खरीदी है। इसने यह भी घोषणा की है कि वह अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सा एक खुली पेशकश से खरीदेगी। इसके अलावा टाटा समूह अपना एक सुपरऐप शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिससे समूह के सभी उत्पाद और सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे। एक सूत्र ने कहा, 'निरंतरता की जरूरत इसलिए है क्योंकि समूह ने न केवल शेयर बाजारों में अच्छा प्रदर्शन किया है बल्कि बहुत सी पुरानी दिक्कतों के समाधान में भी कामयाब रहा है।' हाल में समूह ने महंगी कारों और बिजली स्टेशनों में इस्तेमाल होने वाली चिप की वैश्विक किल्लत के बाद सेमीकंडक्टर कारोबार में उतरने की अपनी योजनाओं की घोषणा की थी। टाटा समूह द्वारा चालू वित्त वर्ष में एयर इंडिया के लिए बोली लगाए जाने के आसार हैं, जो भारत सरकार की निजीकरण की सूची में शामिल है। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष स्तर पर निरंतरता से इस विमानन कंपनी को खरीदने और समूह में शामिल करने में मदद मिलेगी। रोचक बात यह है कि टीसीएस कई वर्षों से समूह को तगड़ी कमाई दे रही है और वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में उसकी मदद कर रही है। वित्त वर्ष 2021 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की आय को छोड़कर समूह की सूचीबद्ध कंपनियों को समेकित आधार पर लगातार तीसरे साल शुद्ध घाटा हुआ। टीसीएस से मिले लाभांश से होल्डिंग कंपनी को एक के बाद एक अधिग्रहण करने में मदद मिल रही है। टीसीएस को छोड़कर समूह की सूचीबद्ध कंपनियों को वित्त वर्ष 2021 में संयुक्त रूप से 3,405 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के शुद्ध घाटे 2,996 करोड़ रुपये से अधिक है। लेकिन टीसीएस समेत समूह की सूचीबद्ध कंपनियों को पिछले वित्त वर्ष में संयुक्त रूप से 29,025 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।
