विश्लेषकों का कहना है कि नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर लगे प्रतिबंध हटाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी से एचडीएफसी बैंक के शेयर में 32 प्रतिशत तक की तेजी आ सकती है, क्योंकि इस प्रतिबंध को हटाए जाने का कदम त्योहारी सीजन से पहले लिया गया है जिससे ऋणदाता को बाजार भागीदारी बढ़ाने का अवसर मिलेगा। बुधवार को बीएसई पर यह शेयर दिन के कारोबार में 3 प्रतिशत चढ़कर 1,564.75 रुपये पर पहुंच गया, लेकिन आखिर में 0.1 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1,512.9 पर बंद हुआ। तुलनात्मक तौर पर बीएसई का सेंसेक्स 0.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,629.49 अंक पर बंद हुआ। उदाहरण के लिए, मैक्वेरी के विश्लेषकों का मानना है कि ऋणदाता अपनी 180 आधार अंक की खोई हुई बाजार भागीदारी फिर से हासिल करने में सक्षम होगा, क्योंकि बड़ा ग्राहक आधार मौजूद है, जिसके लिए वह बिक्री कर सकता है। उन्होंने एक रिपोर्ट में कहा है, 'आरबीआई ने त्योहारी सीजन से पहले यह प्रतिबंध हटा दिया है और बैंक द्वारा पूरी क्षमता के साथ आकर्षक क्रेडिट कार्ड योजनाएं पेश की जा सकती हैं।' कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगने से एचडीएफसी बैंक पर प्रभाव पड़ा था, क्योंकि उसका कार्ड आधार दिसंबर के 1.538 करोड़ से घटकर जून में 1.482 करोड़ ग्राहक रह गया।हालांकि यह देश में अब तक सबसे बड़ा क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता बैंक और प्रतिबंध के बाद भी उसका दबदबा बरकरार है, लेकिन इस प्रतिबंध की वजह से उसे तेजी से बढ़ रहे इस क्षेत्र में अपनी बाजार भागीदारी गंवानी पड़ी है। दूसरी तरफ, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई कार्ड्स और ऐक्सिस बैंक ने समान अवधि के दौरान करीब 12 लाख, 7.5 लाख और 3 लाख नए कार्ड जारी किए। इससे समान अवधि के दौरान आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई कार्ड्स के लिए 49 और 29 प्रतिशत बाजार भागीदारी वृद्घि दर्ज करने में मदद मिली।मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज का कहना है कि इस प्रतिबंध के हटने से वित्तीय तौर पर भी एचडीएफसी बैंक का मुनाफा सुरक्षित होगा, क्योंकि क्रेडिट कार्ड सेगमेंट उसके लिए आय का मुख्य वाहक है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है, 'क्रेडिट कार्ड पर आरबीआई के प्रतिबंध की वजह से ताजा तिमाहियों के दौरान बैंक ने शुल्क आय/शुद्घ ब्याज आय में कमजोरी दर्ज की है, क्योंकि इस सेगमेंट का बैंक के लिए कुल शुल्क आय में करीब 25-33 प्रतिशत का योगदान रहा है।' हालांकि प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाए जाने के कारण सकारात्मक असर सिर्फ आंशिक ही दिखेगा, क्योंकि आरबीआई पूरी तरह इस संबंध में रियायत देने को इच्छुक नहीं है।जेपीमॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है, 'अतिरिक्त मंजूरी को हासिल उपलब्धियों से जोड़ा जा सकता है और नई डिजिटल पहलों में स्थिति पूरी तरह सामान्य बनाने में विलंब हो सकता है।' पिछले तीन महीनों में एचडीएफसी बैंक के शेयर का प्रदर्शन 7.5 प्रतिशत की तेजी के साथ बाजार के मुकाबले कमजोर रहा, जबकि बीएसई के सेंसेक्स में 13 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
