प्रॉपर्टी डेवलपरों द्वारा वैश्विक क्रेडिट फंडों से व्यक्तिगत ऋण जुटाने का रुझान तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि घरेलू गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने आईएलऐंडएफएस चूक संकट की वजह से पैदा हुए संकट के बाद जोखिमपूर्ण रियल एस्टेट ऋणों से दूरी बनाने और अपनी बैलेंस शीट को साफ-सुथरा बनाने पर जोर दिया है। व्यक्तिगत ऋण का मतलब है निजी स्वामित्व वाली कंपनियों को दिया जाने वाला कर्ज। विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि डेवलपरों ने पिछले साल वैश्विक फंडों से 150 करोड़ रुपये से 750 करोड़ रुपये के बीच पूंजी जुटाई थी, लेकिन अब ऋणों का आकार बढ़ गया है। दो अलग अलग सौदों में, बेंगलूरु की प्रॉपर्टी डेवलपर एम्बेसी गु्रप ने वैश्विक निजी इक्विटी निवेशक बेन कैपिटल की क्रेडिट इकाई से 1,200 करोड़ रुपये और मुंबई की कल्पतरु ने हांगकांग स्थित वैश्विक फंड पीएजी से 850 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई है। सूत्रों का कहना है कि बेन कैपिटल क्रेडिट और पीएजी से कोष उगाही मौजूदा ऋण चुकाने और चालू आवासीय परियोजनाओं के वित्त पोषण में मदद मिलेगी। सूत्रों का कहना है कि एम्बेसी को मिली 1,200 करोड़ रुपये की पूंजी में से 350 करोड़ रुपये कंपनी की मौजूदा आवासीय परियोजनाओं में खर्च किए जाएंगे। इंडियाबुल्स रियल एस्टेट के साथ विलय की एम्बेसी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बेन कैपिटल ने वर्ष 2019 में अपना ऋण व्यवसाय शुरू किया और उसने इसके लिए नई टीम बनाई। भारत में बेन कैपिटल ने फंसे कर्ज में करीब एक अरब डॉलर निवेश करने के लिए 2016 में पीरामल एंटरप्राइजेज के साथ इंडिया रीसर्जेंस फंड बनाया था। मुंबई में बड़े डेवलपरों में शुमार कल्पतरू को परियोजनाओं के वित्त पोषण और पुनर्वित्त के लिए रकम की जरूरत है। हालांकि कल्पतरु और पीएजी को इस संबंध में भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है।पीएजी एशिया में प्रमुख निवेश कंपनी है और वह प्राइवेट इक्विटी, प्राइवेट क्रेडिट और रियल एस्टेट में 40 अरब डॉलर का प्रबंधन करती है।
