मैड काऊ और एवियन इनफ्लुएंजा के बाद अब स्वाइन फ्लू से दुनिया भर में लोग डरे हुए हैं। स्वाइन फ्लू जानवरों से होकर आ रहा है और ऐसी आशंका है कि इससे मनुष्यों में भी महामारी फैल सकती है। मैक्सिको और अमेरिका समेत दुनिया के दूसरे हिस्सों में इससे 150 से अधिक जानें जा चुकी हैं। इसे देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस फ्लू को 'अंतरराष्ट्रीय स्तर का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित करना पड़ा है। मैड काऊ और बर्ड फ्लू जानवरों से इंसानों में फैलते हैं जबकि स्वाइन फ्लू वायरस ए-एच1एन1 वायरस जानवरों से इंसानों और इंसानों से जानवरों में तो फैलता ही है, साथ ही यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैलता है। ठीक उसी तरह जैसे कि छींकने या खांसने से कोई सामान्य इनफ्लुएंजा यानी जुकाम फैलता है। साथ ही इस बीमारी को इसलिए भी खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि स्वाइन फ्लू, मानव फ्लू और बर्ड फ्लू इन तीनों के लक्षण एक जैसे ही पाए जाते हैं। साथ ही माना कि सूअर उड़ नहीं सकते पर यह वायरस पक्षियों और मनुष्यों के जरिए भी फैलता है जो एक स्थान से दूसरे स्थान जा सकते हैं, इस वजह से यह वायरस दूर दराज के इलाकों में भी आसानी से फैल सकता है। यही वजह है कि इस इनफेक्शन की शुरुआत भले ही मैक्सिको से हुई हो लेकिन यह तुरंत ही न्यूजीलैंड तक पहुंच गया था, जो वहां से काफी दूर है। ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चोट से उबरने की कोशिश ही कर रही है, यह स्वाइन फ्लू एक बार फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण हिस्सों को चार कदम पीछे लौटने पर मजबूर कर सकता है। फिलहाल सबसे बड़ी चिंता इस वायरस से बचाव की है, न कि इसके उपचार की। अभी तक मनुष्य में पाए जाने वाले सामान्य फ्लू के उपचार के लिए जो टीके बनाए गए हैं, वे स्वाइन फ्लू पर या तो बेअसर हैं या फिर इसमें कुछ हद तक ही प्रभावी हैं। हालांकि एक बड़ी राहत यह है कि अगर इस फ्लू के बारे में शुरुआत में ही पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। उपलब्ध चार में से दो ऐंटीवायरल दवाओं- ओसलटामिविर और जानामिविर से मनुष्यों में इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है। अगर इस बीमारी के इलाज के लिए कोई कारगर दवा उपलब्ध न हो तो इससे बचने का एक ही तरीका है कि जिन इलाकों में यह वायरस फैला हुआ है, वहां से आने वाले लोगों की ठीक तरह से जांच की जाए। इसके लिए हवाईअड्डों और दूसरे प्रवेश द्वारों पर कड़ी जांच का इंतजाम किया जाना चाहिए। ऐसी जांच व्यवस्था न केवल स्वाइन फ्लू के लिए होनी चाहिए बल्कि बर्ड फ्लू जैसी बीमारी के लिए भी होनी चाहिए जो अब भी कई देशों में पाई जाती है। अभी हाल में वियतनाम में बर्ड फ्लू से ही एक महिला की मौत हुई है। अगर स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू का वायरस मानव फ्लू के साथ मिल जाता है तो इससे किसी दूसरे और खतरनाक वायरल फ्लू के पैदा होने का खतरा हो सकता है। हाल के वर्षों में जानवरों में पैदा होने वाली बीमारियों से मनुष्यों की जान पर जो खतरा पैदा हुआ है उससे यही बात सामने निकल कर आती है कि पशुधन के प्रबंधन पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए।
