निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी स्पाइसजेट को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकल आधार पर 729 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चरम पर होने से विमानन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होने से उसके कारोबार पर असर पड़ा। स्पाइसजेट पिछले कुछ समय से लगातार कोविड संबंधी तनावों का सामना कर रही है। इसके पहले जनवरी-मार्च 2021 की तिमाही में भी उसे 235 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। उससे पहले की तिमाही में भी स्पाइसजेट ने 593 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही थी।
हालांकि अप्रैल-जून तिमाही में परिचालन राजस्व 112 फीसदी बढ़कर 1,089 करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 514 करोड़ रुपये रहा था।
स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने तिमाही नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'स्पाइसजेट के लिए पिछली पांच तिमाहियां बहुत खराब रही हैं। महामारी की दूसरी लहर में भी विमानन क्षेत्र पर बुरा असर बना रहा। पहली तिमाही में अधिकांश समय दूसरी लहर का प्रकोप रहने से यात्रियों की आवाजाही लगभग नदारद हो गई। हालांकि कोई भी भविष्ट का अंदाजा नहीं लगा सकता है लेकिन टीकाकरण की रफ्तार तेज होने और हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को देखते हुए हमें जल्द ही रुख में बदलाव होने की उम्मीद है।'
स्पाइसजेट ने बताया कि पहली तिमाही में उसका यात्री वहन फैक्टर सारी एयरलाइंस में सबसे अच्छा रहा है। इस दौरान उसका यात्री वहन फैक्टर 69.5 फीसदी रहा। इस अवधि में स्पाइसजेट की सीट क्षमता भी अप्रैल-जून 2020 की तुलना में 229 फीसदी बढ़ गई।
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