सरकार ने हवाई किराये की निचली और ऊपरी सीमा में औसतन 12.5 फीसदी की वृद्धि करने का जो कदम उठाया उससे विमानन कंपनियों को अपने घाटे में कमी लाने में भले ही मदद मिलेगी लेकिन विमानन विशेषज्ञों के अनुसार इस कदम से कोविड दौर से पहले की तरह हवाई यात्रियों की तादाद में सुधार दिखने में देरी हो सकती है। शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान किराये की निचली और ऊपरी सीमा दर बढ़ा दी जिसे कंपनियां 30 दिनों के भीतर की जाने वाली यात्रा की बुकिंग पर वसूल सकती हैं। 30 दिनों से भी अधिक समय पहले बेची गई टिकटों के किराये की कोई सीमा नहीं है और विमानन कंपनियां अपने हिसाब से किराया वसूलने के लिए स्वतंत्र हैं।विमानन कंपनियों को भी अपनी क्षमता के 72.5 फीसदी सीटों की बुकिंग की अनुमति दी गई है यानी 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति है। हाल के आदेश मुताबिक मुंबई-दिल्ली की यात्रा के लिए न्यूनतम किराया (कर छोड़कर) 4,700 रुपये से बढ़कर 5,300 रुपये हो गया है। इसी तरह मुंबई-गोवा या दिल्ली-चंडीगढ़ जैसी कम दूरी की यात्रा के लिए न्यूनतम किराया 2,600 रुपये से बढ़कर 2,900 रुपये हो गया है। विमानन क्षेत्र की सलाहकार कंपनी सीएपीए ने ट्वीट किया, 'नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने निचली और ऊपरी सीमा में 12.5 फीसदी की जो बढ़ोतरी की है वह विमानन कंपनियों और यात्रियों के लिए काफी हैरान करने वाला है। इससे यह संकेत मिलता है कि यातायात की तादाद बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।'विमानन ब्लॉग 'नेटवर्क थॉट' के संस्थापक अमेय जोशी ने कहा, 'कम अवधि वाली फ्लाइट का न्यूनतम किराया कोविड से पहले के दौर के मुकाबले लगभग दोगुनी है। इसका विमान में यात्रियों की तादाद पर नकारात्मक असर पड़ेगा। सरकार कुछ क्षेत्रों के लिए किराया बैंड हटाने पर विचार कर सकती है और कोई अगला कदम तय करने से पहले बाजार की प्रतिक्रिया देख सकती है।' मई 2020 में हवाई सेवाएं फिर से बहाल किए जाने के बाद से सबसे अधिक 1 अगस्त को 269,000 से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी थी। अगस्त के पहले सात दिनों में घरेलू हवाई यातायात जुलाई की समान अवधि के मुकाबले 53 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया क्योंकि सरकार ने किराया बैंड फिर से शुरू करने में देरी की। उस वक्त के बाद से ही यातायात में वृद्धि कम हो गई है।एक विमानन कंपनी के अधिकारी के मुताबिक, 85-90 फीसदी टिकटों की बुकिंग 30 दिनों के भीतर यात्रा करने के लिए की जा रही है। आधी बुकिंग सात दिनों के भीतर यात्रा करने के लिए की जा रही है जबकि कोविड से पहले के दौर में 30 फीसदी टिकटों की बुकिंग इस अवधि की यात्रा के लिए की जा रही थी। उद्योग जगत की तरफ से भी टिकट बुकिंग की दर अगस्त में बढ़कर 70 प्रतिशत हो गई जो पिछले महीने 65 फीसदी तक थी। एक घरेलू ब्रोकिंग कंपनी के विश्लेषक ने कहा, 'विमानन टर्बाइन ईंधन की कीमतों में सालाना आधार पर लगभग 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। करीब 65-70 प्रतिशत विमानन कंपनियों के मौजूदा भार कारकों की वजह से इन्हें घाटा दर्ज करना पड़ेगा।' सीएपीए ने जून में कहा था कि घरेलू विमानन कंपनियों को वित्त वर्ष 2022 में 4.1 अरब डॉलर का कुल नुकसान होने की आशंका है।
