सूचीबद्घता से वैल्यू बढऩे की संभावना नहीं | बीएस बातचीत | | पुनीत वाधवा / August 13, 2021 | | | | |
इक्विटी बाजारों में छोटे निवेशकों की भागीदारी पिछले कुछ महीनों के दौरान तेजी से बढ़ी है। जीरोधा के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने एक साक्षात्कार में पुनीत वाधवा को बताया कि कोविड के बाद बाजार में प्रवेश करने वाले कई नए निवेशक दीर्घावधि लक्ष्यों के लिए म्युचुअल फंडों, ईटीएफ और शेयरों में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
जीरोधा भारत में डिस्काउंट ब्रोकिंग के शुरुआती दिग्गजों में से एक थी। क्या आप मानते हैं कि अब इस क्षेत्र में भीड़-भाड़ बढ़ती जा रही है?
'डिस्काउंट ब्रोकिंग' शब्द का बहुत ज्यादा मतलब नहीं रह गया है। कीमत अब पहले की तरह बड़ा कारक नहीं है। मौजूदा समय में उपयोगकर्ता अच्छे उत्पादों और प्लेटफॉर्मों की संभावना तलाश रहे हैं। आज करीब सभी ब्रोकरों के पास डिस्काउंट मूल्य निर्धारण मॉडल है और यह बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। इसकी वजह यह है कि यह मॉडल लागत दक्षता की वजह से कारगर है। पिछले कई वर्षों से हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि हम अच्छे उत्पाद मुहैया कराएं, और इसका सकारात्मक असर दिखा है। अभी अच्छे प्लेटफॉर्म वाले ब्रोकर नए उपयोगकर्ताओं के संदर्भ में अच्छी तेजी देख रहे हैं।
अगले कुछ वर्षों के दौरान जीरोधा की मुख्य योजनाएं क्या हैं?
ब्रोकिंग एक हाई-बीटा व्यवसाय है। इसका मतलब यह है कि ब्रोकिंग कंपनी के लिए राजस्व काफी हद तक बाजार प्रदर्शन से संबद्घ है। हम फिलहाल तेजी की स्थिति में हैं और इसलिए बाजार में नई दिलचस्पी देख रहे हैं। इसलिए यह तेजी कब तक बनी रहेगी, यह राजस्व और लाभ के लिए बड़ा कारक होगा। मजबूती से उभरने के लिए हमें अपने उत्पादों और पेशकशों के संदर्भ में प्रतिस्पर्धियों से आगे बने रहने का रास्ता तलाशना होगा।
जीरोधा के कब तक सूचीबद्घ होने की संभावना है?
व्यवसायी के तौर पर हम शुरू से ही आत्मनिर्भर बने रहे हैं और यही वजह है कि हम पिछले दशक में लाभकारी व्यवसाय तैयार करने में सफल रहे। चूंकि हमने अतीत में कोई बाहरी पूंजी नहीं जुटाई है और निवेशकों के संदर्भ में कोई अतिरिक्त दबाव भी नहीं रहा है। हमें ऐसी कोई वैल्यू नहीं दिख रही है जो सूचीबद्घता से हमारे व्यवसाय में आएगी। हम भविष्य में किसी समय सूचीबद्घता पर विचार कर सकते हैं, लेकिन यह तभी उपयुक्त होगा जब सूचीबद्घता से वैल्यू में इजाफा हो।
2020 में महामारी फैलने के बाद से रिटेल निवेशकों और एचएनआई के निवश रुझान में क्या बदलाव आया है?
पिछले डेढ़ साल के लॉकडाउन में, हमने पूंजी बाजार में नए निवेशकों की संख्या में इजाफा दर्ज किया है। कोविड के बाद बाजार में नए निवेशकों ने अपने दीर्घावधि लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए म्युचुअल फंडों एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) और शेयरों में निवेश बढ़ाया है। ये सभी नए उपयोगकर्ता अपनी वित्तीय जरूरत के हिसाब से शेयर हासिल करने के लिए अतिरिक्त समय का इस्तेमाल करते हैं।
जीरोधा के लिए मोबाइल प्लेटफॉर्म के जरिये ट्रेडिंग ने क्या योगदान दिया है?
मोबाइल ऑर्डर कारोबार का हमारे प्लेटफॉर्म पर प्लेस होने वाले कुल ऑर्डरों में 75 प्रतिशत का योगदान है। मोबाइल ट्रेडिंग ने लोकप्रिय विकल्प के तौर पर अच्छी वृद्घि दर्ज की है और पिछले कई वर्षों के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल बढ़ा है और डेटा की लागत घटी है। जब हमने वर्ष 2014 में मोबाइल ऐप की पेशकश शुरू की थी, तब सिर्फ 10 प्रतिशत ऑर्डर ऐप से आते थे। हां, हम टियर-2 और टियर-3 शहरों से अधिक भागीदारी देख रहे हैं।
क्या लॉकडाउन बढऩे से रिटेल भागीदारी बढ़ेगी, क्योंकि लोग लागत नियंत्रण पर जोर देंगे और अपना अतिरिक्त कोष इक्विटी में लगाना पसंद करेंगे?
यह सिर्फ अनुमान है। लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि हम पहली बार की तरह निवेशक भागीदारी में बड़ी तेजी देखेंगे। यदि बाजार की मौजूदा तेजी बरकरार रही तो छोटे निवेशकों की भागीदारी भविष्य में मजबूत बनी रह सकती है।
पिछले साल जीरोधा का ग्राहक आधार कितना बढ़ा और आगामी राह कैसी रहेगी?
हमने वित्त वर्ष 2021 में 37 लाख खाते खोले। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में भी यह रुझान बरकरार रहा, क्योंकि हम 10 लाख नए खाते खोलने में सफल रहे हैं। हमारी वृद्घि पूरी तरह से इस पर निर्भर है कि बाजार भविष्य में कैसा प्रदर्शन करेंगे। हम अपने ग्राहकों को अच्छा अनुभव मुहैया कराने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हमारे करीब 70-80 प्रतिशत निरवेशक 25-35 साल उम्र वर्ग के हैं।
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