घरेलू म्युचुअल फंडों (एमएफ) द्वारा पेश अंतरराष्ट्रीय फंडों की लोकप्रियता बढ़ी है, क्योंकि निवेशकों ने स्थानीय शेयरों में अपना निवेश सीमित करने पर ध्यान दिया है। इसके अलावा वैश्विक बाजारों, खासकर प्रौद्योगिकी शेयरों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में आकर्षक प्रतिफल दिए जाने से भी परिसंपत्ति प्रबंधक ऐसी अंतरराष्ट्रीय पेशकशों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। जनवरी से, फंड हाउसों ने विभिन्न अंतरराष्टï्रीय फंड पेश कर 4,753 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाई है। इनमें फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ), एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और इंडेक्स फंड शामिल हैं जो वैश्विक शेयरों और सूचकांकों में निवेश करते हैं।वैल्यू रिसर्च के आंकड़े से पता चलता है कि पिछले एक साल में अंतरराष्ट्रीय फंडों ने औसत 26.2 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। अमेरिकी बाजारों में निवेश करने वाले वैश्विक फंडों ने एशियाई बाजारों या उभरते बाजारों के फंडों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है। मोतीलाल ओसवाल एमएफ में पैसव फंडों के शोध प्रमुख महावीर कसवा ने कहा, 'अच्छे प्रदर्शनों में से एक अमेरिकी शेयरों का रहा है। वित्तीय संकट और खासकर 2020 के बाद से अमेरिकी बाजारों ने कई विकसित और बड़े उभरते बाजारों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है। उसे घटते बेरोजगार, मुद्रास्फीति, ब्याज दरों और कॉरपोरेट कर कटौती से मदद मिली। महामारी के बाद भी, अमेरिकी इक्विटी का प्रदर्शन के संदर्भ में दबदबा बरकरार रहा है।' एडलवाइस यूएस टेक्नोलॉजी फंड एफओएफ पिछले एक साल में 44 प्रतिशत के प्रतिफल के साथ सूची में शीर्ष पर रहा। प्रिंसीपल ग्लोबल अपॉच्र्युनिटीज फंड, और आदित्य बिड़ला सनलाइफ कमोडिटी इक्विटीज फंड-ग्लोबल एग्री प्लान ने करीब 42 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। विविधता के अलावा, भारतीय रुपये में गिरावट से भी वैश्विक फंडों को अच्छा प्रतिफल देने में मदद मिली। हाल में कोटक ग्लोबल इनोवेशन एफओएफ ने अपने नए फंड ऑफर (एनएफओ) से 1,612 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अमेरिका में सूचीबद्घ 10 बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश करने वाले भारत के पहले ईटीएफ मिरई ऐसेट एनवाईएसई फांग+ईटीएफ ने अपनी शुरुआत के तीन महीने के अंदर 1,000 करोड़ रुपये की एयूएम का आंकड़ा पार किया है।पिछले महीने, आईडीएफसी एमएफ ने भी अपना पहला अंतरराष्ट्रीय फंड आईडीएफसी यूएस इक्विटी फंड ऑफ फंड पेश किया।
