वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी भयावह नहीं होगी। मंत्रालय ने कहा कि देश में 6 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 68 प्रतिशत लोगों में इस महामारी के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो गई है जिससे संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा। हालांकि मंत्रालय ने सक्रिय मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता जरूर जताई है। जुलाई अंत में देश में सक्रिय मामलों की संख्या में तेजी आई थी और लोगों के संक्रमित होने की दर बढ़कर 2.42 प्रतिशत हो गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था पर दूसरी लहर का प्रभाव सीमित रहेगा और देश में आर्थिक गतिविधियां सुधरने के संकेत स्पष्टï रूप से मिलने शुरू हो गए हैं। वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ काम करने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा, 'हाल के आंकड़े बताते हैं कि अगर देश में टीकाकरण कार्यक्रम तेज रफ्तार से आगे बढ़ता रहा तो कोविड महामारी की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी और इससे होने वाले मौतें भी थम जाएंगी। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित होने से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। ऐसे में अगर कोई तीसरी लहर आती है तब भी यह बहुत भयावह नहीं होगी।' हालांकि रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि मौजूदा हालात अर्थव्यवस्था और समाज दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक सुधार, टीकाकरण के मोर्चे पर प्रगति और कोविड-19 से बचाव के तरीके एक दूसरे से परस्पर जुड़े हुए हैं इसलिए सभी लोगों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कोविड-19 से बचाव का टीकाकरण कार्यक्रम तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। अब तक देश में लोगों को 51.45 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। इनमें कुल वयस्क आबादी में 49.8 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है और 14.2 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक लग चुकी हैं। रिपोर्ट में लोगों के रक्त के नमूनों की जांच के ताजातरीन नतीजों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 वर्ष से उम्र की 67.6 प्रतिशत आबादी में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो गई है और जिन 81 प्रतिशत और 89 प्रतिशत लोगों ने क्रमश: पहली और दूसरी खुराक ली थी उनमें एंटीबॉडी पाई गई है। जिन लोगों को टीके नहीं लगे हैं उनमें भी 62.3 प्रतिशत लोगों में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो गई है। वित्त मंत्रालय ने कहा, 'हाल के शोध में स्पष्टï रूप से यह समाने आया है कि प्रतिरोधी क्षमता विकसित होने संबंधी ये आंकड़े कोविड-19 महामारी से गंभीर संक्रमण रोकने की दिशा में कारगर साबित हो सकते हैं।आर्थिक सुधार पर मंत्रालय ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में दूसरी लहर कमजोर पड़ गई है और राज्य सरकारें चरणबद्ध तरीके से पाबंदियां हटा रही हैं। मंत्रालय ने कहा कि मई के दूसरे सप्ताह से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्टï संकेत मिलने लगे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे लग रहा है कि दूसरी लहर का असर सीमित रहेगा। नियमित अंतराल पर अर्थव्यवस्था की सेहत बताने वाले आर्थिक संकेतक इसी ओर इशारा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए जुलाई में पीएमआई विनिर्माण गतिविधियों में खासी तेजी आई। इसी तरह, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने भी छलांग लगाई और यह जुलाई में एक बार फिर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
