ग्रोफर्स: 15 मिनट में डिलिवरी आसान नहीं | बीएस संवाददाता / August 10, 2021 | | | | |
तेज डिलिवरी के लिए दौड़ कोविड-19 महामारी से पहले भी बनी हुई थी। ई-ग्रोसरी की बढ़ती स्वीकार्यता के साथ ग्राहक अब किराना सामान जल्द हासिल करने में सक्षम हैं। ऑनलाइन ग्रोसरी कंपनी ग्रोफर्स ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि वह फिर से 15-मिनट एक्सप्रेस डिलिवरी सेगमेंट में प्रवेश कर रही है। कंपनी ने दावा किया है कि वह पहले दिन 7,000 ऑर्डर पूरे करने में सफल रही। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी अपनी इच्छाएं बढ़ा सकती है। उनका कहना है कि किराना पर डिलिवरी की समय-सीमा है जो पिछले लॉजिस्टिक संबंधित वादों को पीछे छोडऩे का मकसद रखती है, लेकिन यह राह चुनौतियों से भरी हुई है। हालांकि तेज किराना डिलिवरी खंड की राह सभी के लिए आसान नहीं है। यह एक ऐसा सेगमेंट बना हुआ है जो अभी भी चुनौतियों से भरा हुआ है।
बड़ी कंपनियां एक-दो घंटे के सेवा दायरे में परिचालन कर रही हैं। वर्ष 2019 में, बिगबास्केट ने अपनी 90-मिनट एक्सप्रेस डिलिवरी सेवा को बंद कर दिया था। ग्रोफस ने भी अपनी एक्सप्रेस डिलिवरी सेवा बंद कर दी थी। उद्योग के जानकारों का कहना है कि 15-30 मिनट की एक्सप्रेस डिलिवरी भारत में कारगर नहीं है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस संबंध में ग्राहक अनुभव अच्छा नहीं रहा है।
टेकनोपैक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरविंद सिंघल का कहना है, 'भारत में किराना खरीदारी एक नियोजित जरूरत है। 15-मिनट डिलिवरी का वादा पूरी तरह उपयुक्त नहीं है। क्या 15-मिनट डिलिवरी सेवा को अपनाने वाले ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद हासिल होंगे?' उन्होंने कहा, 'इन कंपनियों को खासकर जल्द खराब हो जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।' उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि ग्राहक अनुभव और सेवा अक्सर जल्द किराना डिलिवरी की वजह से प्रभावित होते हैं।
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