दिल्ली और लंदन के बीच एक तरफ (वन वे) का न्यूनतम किराया अगस्त में बढ़कर 1 लाख रुपये से भी अधिक हो गया है। नागरिक उड्डïयन महानिदेशक (डीजीसीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सीटों की संख्या सीमित रहने की वजह से किराया उछला है। ब्रिटेन ने भारत को 'अंबर' सूची में शामिल किया है और यह बदलाव रविवार से प्रभावी हो गया है। इस बदलाव के साथ अब भारत से ब्रिटेन जाने वाले यात्रियों को संस्थागत पृथकवास में नहीं रहना होगा और उन्हें केवल 10 दिन तक अपने घर में ही रहना होगा। यात्रियों की बढ़ती संख्या और सीटों की संख्या कम होने से किराये में तेजी देखी जा रही है। डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में दिल्ली से लंदन के बीच एक तरफ का हवाई किराया 1,03,191 से 1,47,544 रुपये हो गया है। डीजीसीए के अनुसार ब्रिटिश एयरवेज की वेबसाइट पर अगस्त में केवल चार दिन ही ऐसे थे जब टिकट उपलब्ध थे। इस समय भारत और ब्रिटेन के बीच उड़ानों की संख्या प्रति सप्ताह 30 तक सीमित रखी गई है। एयर इंडिया, ब्रिटिश एयरवेज, वर्जिन अटलांटिक और विस्तारा ये उड़ान सेवाएं दे रही हैं। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'दिल्ली और लंदन मार्ग पर केवल सीमित संख्या में ही सीटें उपलब्ध हैं। नियमित अंतरराष्ट्रीय परिचालन 31 अगस्त तक निलंबित रहने से यह स्थिति पैदा हुई है। अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर हवाई किराये का नियमन नहीं होता है और न ही इस पर नजर रखी जाती है। किराया सीटों की उपलब्धता एवं यात्रियों की संख्या पर निर्भर करता है।'एयर इंडिया ने ट्विटर पर कहा, 'ब्रिटेन में संशोधित अनिवार्य संस्थागत पृथकवास की शर्तों को ध्यान में रखते हुए एयर इंडिया ने यात्रियों को यात्राएं बिना किसी शुल्क के टालने का विकल्प दिया था। इन यात्रियों ने अब उपलब्ध उड़ानों पर दोबारा टिकट खरीदे हैं जिससे भारत-ब्रिटेन उड़ानों पर बुकिंग खासी बढ़ गई है।' एयर इंडिया ने कहा कि इकनॉमी क्लास की सीटें ज्यादातर 25,000 से 45,000 रुपये के बीच बिकी हैं।
