हमारा ऋण खाता 20 फीसदी बढ़ेगा | सुब्रत पांडा / August 02, 2021 | | | | |
बीएस बातचीत
जून तिमाही के दौरान अधिक प्रावधान के कारण आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को 630 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी वी वैद्यनाथन ने तिमाही नतीजे जारी करने के बाद सुब्रत पांडा से बातचीत में बैंक की वृद्धि संबंधी योजनाओं, खुदरा कारोबार और कॉरपोरेट रणनीति सहित तमाम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
तिमाही के दौरान आपका प्रावधान सर्वाधिक रहा और आपको नुकसान उठाना पड़ा। क्या आपको लगता है कि गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में वृद्धि होगी?
जहां तक प्रावधान का सवाल है तो हम चूक के चरण में काफी हद तक फॉर्मूला से संचालित होते हैं। इस बार लॉकडाउन लगाया गया लेकिन अदायगी के लिए कोई मोहलत नहीं दी गई थी। इसलिए अधिक चूक हुए। इस फॉर्मूले के तहत ऐसे मामलों की पहचान शुरू में ही करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमारे फॉर्मूला के अनुसार, दूसरी तिमाही में प्रावधान पहली तिमाही के मुकाबले कम होंगे, तीसरी तिमाही में दूसरी तिमाही के मुकाबले कम प्रावधान होंगे और चौथी तिमाही में तीसरी तिमाही के मुकाबले कम प्रावधान होंगे।
उपलब्ध कराए गए खातों से आपको किस प्रकार का संग्रह होगा?
जब आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा तो वे अदायगी शुरू कर देंगे। ऐसा हम पहले से ही देख रहे हैं। जुलाई में शुरुआती दौर का संग्रह मार्च 2020 के लॉकडाउन-पूर्व स्तर के मुकाबले 100 फीसदी को पार कर गया। कोविड-19 वैश्विक महामारी की पहली लहर के बाद भी ऐसी ही प्रवृत्ति
दिखी थी।
विलय के बाद आपके प्रावधान बढ़ोतरी हुई है। ऐसा क्यों?
दुर्भाग्य से ऐसा देखने को मिला है। पहली चार से पांच तिमाहियों को विरासत वाले थोक एवं बुनियादी ढांचे ऋण का झटका लगा था। जब हमने दीवान अथवा अन्य खातों से वसूली न होने की घोषणा की थी तो उस नुकसान का स्वरूप स्थायी था। लेकिन खुदरा में हमारी इस घोषणा के बावजूद ग्राहकों ने तिमाहियों और वर्षों के लिए भुगतान करना जारी रखा। यह एक बड़ा अंतर है।
खुदरा पोर्टफोलियो के एनपीए को आप किस प्रकार देखते हैं?
एनपीए में कमी आएगी लेकिन यह एकमात्र बेंचमार्क नहीं है। एनपीए में प्रावधानों के जरिये भी कमी आती है। उधारी गुणवत्ता का वास्तविक परीक्षण केवल एनपीए, वार्षिक उधारी पर हानि अथवा प्रावधान नहीं है। पहली तिमाही के दौरान अधिक प्रावधान के साथ-साथ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उधारी पर हमारा अनुमानित नुकसान 2,900 से 3,000 करोड़ रुपये है जो इस वर्ष के लिए औसत अनुमानित खाते का 2.5 फीसदी है। जाहिर तौर पर कोविड वर्ष के दौरान 2.5 फीसदी पर हमारा बहीखाता दूसरों की तरह अच्छा है। अगले वित्त वर्ष के लिए हम अपने खुदरा बहीखाते पर 2 फीसदी से भी कम उम्मीद करते हैं।
आप वहां तक कैसे पहुंचेंगे?
हमें 10 साल की अवधि में 2.75 फीसदी क्रेडिट नुकसान हुआ है। उस समय हम अधिक नई उधारी कर रहे थे। लेकिन अब एक बैंक के तौर पर हम कहीं अधिक रूढि़वादी बन गए हैं। हम प्राइम होम लोन के अनुपात में अधिक कर रहे हैं। हरेक अनुमान पर हम बिना किसी अपवाद के 10/10 चीजों पर बेहतर कर रहे हैं। हमारे एनालिटिक्स ने भी सुझाव दिया है कि यह कम रहेगा। हमारा खुदरा मार्जिन 2 फीसदी को अवशोषित करने के लिए पर्याप्त है।
तो ऐसे मार्जिन मुनाफे में क्यों नहीं दिख रहे हैं?
ऐसा इसलिए है क्योंकि हम एक नया बैंक हैं। हमें नई शाखाएं खोल रहे हैं, स्वचालित टेलर मशीन स्थापित कर रहे हैं और एक चालू खाता बचत खाते को तैयार कर रहे हैं। इसलिए हमें पहले खर्च करना पड़ता है और आय बाद में होती है।
हमारी समस्या अधिक परिचालन खर्च और आय के लिए अधिक लागत है।
|