वाहन ईंधनों की बिक्री के लिए अधिकृत हुईं नई कंपनियां | त्वेष मिश्र / नई दिल्ली July 21, 2021 | | | | |
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने देश में वाहन ईंधनों की बिक्री के लिए 7 कंपनियों को अधिकार दिए हैं। नई मंजूरियां परिवहन ईंधनों के विपणन के लिए अधिकृत करने के आसान दिशानिर्देशों के तहत दी गई हैं। 2019 में इसमें संशोधन किया गया था। सरकार के इस निर्णय से देश में पेट्रोलियम के खुदरा कारोबार में प्रतिस्पर्धा के और जोर पकडऩे की उम्मीद है।
तेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक इन नियमों के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को नया विपणन अधिकार दिया गया है। इस कवायद में रिलायंस के मौजूदा खुदरा विपणन अधिकार को उसकी सहायक कंपनी रिलायंस बीपी मोबिलिटी (आरबीएमएल) को हस्तांतरित किया जा रहा है। इसकी जरूरत इसलिए थी कि मुकेश अंबानी समूह ने अपना पेट्रोलियम से लेकर रसायन कारोबार तक को पुनर्गठित किया है। इन नए नियमों के तहत एक अन्य अधिकार आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया को जारी किया गया है।
तेल टर्मिनलों में विशेषज्ञता रखने वाली चेन्नई स्थित आईएमसी (इंडियन मोलासिस कंपनी) को भी देश में वाइन ईंधनों की बिक्री के लिए मंजूरी दी गई है। इस कंपनी ने देश से तेल और गैस के अन्वेषण और उत्पादन के लिए बोली के दूसरे दौर के दौरान खोजे गए छोटे क्षेत्र परियोजना के लिए प्रतिस्पर्धा की थी। लेकिन आईएमसी कोई भी परियोजना हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई थी। यह फिलहाल देश में विभिन्न बंदरगाहों के लिए तरल भंडार की पेशकश करती है। आईएमसी को पेट्रोलियम उत्पादों, तरलीकृत गैसों, पेट्रोकेमिकल, अम्लों और वनस्पति तेलों के भंडारण के लिए जाना जाता है। असम सरकार की उपक्रम असम गैस कंपनी मुख्यत: गैस परिवहन का कारोबार करती है। इसे भी ईंधन की खुदरा बिक्री के लिए मंजूरी दी गई है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक इसके पास भूमिगत प्राकृतिक गैस ट्रंक और वितरण पाइपलाइनों का नेटवर्क है। यह असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, चराईदेव, जोरहाट, गोलाघाट और कछार जिलों में 400 चाय कारखानों, 1,000 वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, 31,000 घरेलू उपभोक्ताओं और विभिन्न बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं को सेवा देती है।
नई निगमित ऑनसाइट एनर्जी को भी देश में पेट्रोलियम की खुदरा बिक्री के लिए मंजूरी मिली है। नियामकीय फाइलिंग के मुताबिक इसे मई 2020 में निगमित किया गया था। शिल्पा शेखर बोरहाडे और अनीश अजीत कुनकुलोल कंपनी के दो निदेशक हैं। नियामकीय फाइलिंग में कहा गया है कि सर्वेक्षण को छोड़कर कंपनी तेल और गैस निष्कर्षण के लिए प्रासंगिक सेवा गतिविधियों में शामिल है। कंपनी को शुल्क लेकर या ठेका के आधार पर तेल और गैस क्षेत्र सेवा गतिविधियों की पेशकश करने के लिए कहा गया है। एमके एग्रोटेक और मानस एग्रो इंडस्ट्रीज ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को नए नियमों के तहत ईंधन की खुदरा बिक्री का अधिकार दिया गया है। एमके एग्रोटेक एक विविध समूह का हिस्सा है जिसका सूरजमुखी के तेल जैसे कृषि उत्पादों, रियल एस्टेट और कच्चा तेल तथा गैस निष्कर्षण में हित जुड़ा है।
मानस एग्रो के पास तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी या रसोई ईंधन) का अपना ब्रांड है और उसने एथनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति के लिए एस्सार पेट्रोलियम (अब नायरा एनर्जी) के साथ ही साझेदारी की है।
ये नए अधिकार उन कंपनियों को दिए गए हैं जिनके पास आवेदन के समय पर न्यूनतम शुद्घ संपत्ति 250 करोड़ रुपये थी।
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