कई फर्मों पर मूल्यांकन की आंच | समी मोडक / मुंबई July 18, 2021 | | | | |
शेयरों का तरजीही आवंटन करने से पहले स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं की नियुक्ति नहीं करने वाली कंपनियों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। अब इस फेहरिस्त में आवास ऋण मुहैया करने वाली एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस और रेस्तरां कंपनी बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी का नाम भी जुड़ गया है। स्टॉक एक्सचेंजों ने इन दोनों कंपनियों से पूछा है कि उन्होंने अपने तरजीही आवंटन के शेयरों की कीमत तय करते वक्त किसी स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता से मूल्यांकन रिपोर्ट क्यों नहीं ली। पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के बीच पहले ही इस मसले पर विवाद चल रहा है। मामला विचाराधीन है और प्रतिभूति अपील प्राधिकरण (सैट) में इसकी सुनवाई चल रही थी।
एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस और बारबेक्यू नेशन को बीएसई और एनएसई ने पत्र भेजे हैं, जिनमें उनसे आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) के प्रावधानों के अनुपालन पर स्थिति स्पष्ट के लिए कहा गया है। पिछले महीने एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस ने कहा था कि वह भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को 514.25 रुपये की दर से 4.54 करोड़ शेयरों का तरजीही आवंटन अपनी मूल कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को करेगी और इसके जरिये 2,334 करोड़ रुपये जुटाएगी। इधर बारबेक्यू नेशन ने 849 रुपये की दर से 11.8 लाख शेयर जारी कर 100 करोड़ रुपये जुटाने की योजना का खुलासा किया है। कंपनी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, 238 प्लान एसोसिएट्स और मोतीलाल ओसवाल इक्विटी ऑपच्र्युनिटीज इक्विटी फंड को शेयरों का तरजीही आवंटन करेगी।
एक्सचेंजों ने कहा है कि दोनों कंपनियां अपने-अपने प्रस्तवों पर मतदान के लिए शेयरधारकों की बैठक बुला सकती हैं। लेकिन दोनों कंपनियों को मामले की जांच पूरी होने तक मतदान के नतीजे सार्वजनिक नहीं करने का निर्देश मिला है।
सप्ताहांत में जारी बयान में दोनों कंपनियों ने कहा कि वे नियमों के अनुरूप ही काम कर रही हैं। शनिवार को स्टॉक एक्सचेंज को दी सूचना में एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस ने कहा, 'कंपनी एक बार फिर दोहराती है कि एओए, कंपनी अधिनियम, 2013 और सेबी (इश्यू ऑफ कैपिटल ऐंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) नियमन, 2018 के प्रावधानों के अनुसार ही शेयर की कीमत तय की गई है। एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस सूचीबद्ध कंपनी है, इसलिए उसे कंपनी (शेयर पूंजी एवं डिबेंचर) नियम, 2014 के तहत पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता से प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।'
बारबेक्यू नेशन ने भी कहा कि कंपनी (पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता एवं मूल्यांकन) नियम, 2017 सूचीबद्ध कंपनी पर लागू नहीं होता है, इसलिए शेयरों के तरजीही आवंटन के लिए किसी स्वतंत्र पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इन तीनों कंपनियों के मामले में विवाद की जड़ यह है कि कंपनी अधिनियम और सेबी आईसीडीआर नियमों के तहत उन्हें अपने शेयरों का मूल्यांकन कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन एओए में निहित प्रावधानों में इसकी आवश्यकता बताई गई है। इस संबंध में सेबी का एक फॉर्मूला तरजीही आवंटन के लिए आधार मूल्य की तरह काम करता है। दिलचस्प है कि कंपनियां सेबी के दिशानिर्देशों का पालन करने की बात कह रही हैं जबकि नियामक उनसे कह रहा है कि जो नियम खुद बनाए हैं, उन्हीं का पालन कीजिए। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उलझन की स्थिति पैदा हो गई है।पीएनबी हाउसिंग और बारबेक्यू नेशन के शेयर इस समय प्रस्तावित तरजीही आवंटन मूल्य से ऊपर कारोबार कर रहे हैं, जबकि एलआईसी फाइनैंस का शेयर इस स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता द्वारा तय कीमत का द्वितीयक बाजार की कीमत से अधिक कंपनी संचालन से अधिक लेना-देना है। विशेषज्ञों के अनुसार अब सैट का निर्णय ही इस पेचीदा मामले में स्थिति साफ कर सकता है।
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