किर्लोस्कर परिवार में स्वामित्व को लेकर विवाद | देव चटर्जी / मुंबई July 17, 2021 | | | | |
भारत के एक सबसे पुराने कारोबारी परिवार, किर्लोस्कर परिवार में भाइयों के बीच तकरार बढ़ गई है। किर्लोस्कर ब्रदर्स के प्रवर्तक संजय किर्लोस्कर ने 2009 में हस्ताक्षरित एक पारिवारिक समझौते को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई को 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है लेकिन 64 वर्षीय संजय की अपने भाइयों अतुल और राहुल के साथ स्वामित्व को लेकर विवाद पैदा हो गया है। संजय मध्यस्थता के बजाय किसी भी समाधान के लिए पुणे सिविल कोर्ट का रुख करना चाहते हैं।
इस विवाद के साथ ही बाजार पूंजीकरण के लिहाज से करीब 16,000 करोड़ रुपये के एकीकृत कारोबारी साम्राज्य का भविष्य दांव पर लगा है। इसमें संजय के स्वामित्व वाली कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स (केबीएल) की बाजार हिस्सेदारी 3,800 करोड़ रुपये है। साल 2017 में किर्लोस्कर बंधुओं के बीच कानूनी विवाद शुरू होने के बाद से इसने 88 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। फिलहाल 65 वर्षीय अतुल किर्लोस्कर ऑयल इंजन्स (केओईएल) और किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज का संचालन करते हैं जबकि 58 वर्षीय राहुल किर्लोस्कर न्यूमैटिक का प्रबंधन करते हैं। उनके चचेरे भाई 62 वर्षीय विक्रम किर्लोस्कर टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स की देखरेख करते हैं। किर्लोस्कर समूह की स्थापना उनके परदादा लक्ष्मण किर्लोस्कर ने 1910 में की थी। इस समूह की अधिकतर सूचीबद्ध कंपनियां अच्छा वित्तीय प्रदर्शन कर रही हैं।
केबीएल ने वित्त वर्ष 2021 में 1,800 करोड़ रुपये की बिक्री पर 93.2 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है। अतुल के नेतृत्व वाली कंपनी किर्लोस्कर ऑयल इंजन्स ने 2,700 करोड़ रुपये की बिक्री पर 170 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया जबकि किर्लोस्कर फेरस ने इस दौरान 2,038 करोड़ रुपये की बिक्री पर 302 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। राहुल के नेतृत्व वाली कंपनी किर्लोस्कर न्यूमैटिक ने इस दौरान 823 करोड़ रुपये की बिक्री पर 64 करोड़ रुपये का मुनाफ दर्ज किया है। तीनों भाई किर्लोस्कर परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य हैं जो पहले कई आपसी लड़ाई लड़ चुके हैं। मुंबई के एक वकील ने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि किर्लोस्कर समूह की सभी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और उनके उत्पादों के लिए मांग बढ़ रही है। राहुल और अतुल दोनों अब कारोबार में विविधता लाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं और यह विवाद उन्हें पीछे की ओर खींच रहा है।' उन्होंने कहा कि उनकी मां राहुल और अतुल खेमे के साथ हैं जिससे उनकी स्थिति बेहतर है।
राहुल और अतुल के नेतृत्व वाले किर्लोस्कर ऑयल ने जून 2017 में ला गज्जर मशीनरी का अधिग्रहण किया। यह कंपनी बाजार में किर्लोस्कर ब्रदर्स द्वारा बनाए गए पंपों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। इसके साथ ही किर्लोस्कर बंधुओं के बीच विवाद छिड़ गया। संजय का कहना है कि 2009 में हस्ताक्षरित एक पारिवारिक समझौते के अनुसार, उनके भाइयों द्वारा संचालित कंपनियां केबीएल के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकती हैं। संजय चाहते हैं कि विवाद की सुनवाई पुणे की दीवानी अदालत में हो लेकिन बंबई उच्च न्यायालय ने पूरे विवाद को 2009 के परिवार निपटान समझौते के तहत मध्यस्थता के लिए भेज दिया। उच्च न्यायालय में अपने प्रस्तुतीकरण में संजय ने कहा कि उन्होंने पारिवारिक समझौते के सभी दायित्वों का पालन किया लेकिन वह यह जानकर हैरान थे कि अन्य सदस्यों ने एक ऐसे कारोबार में निवेश किया जो प्रतिस्पर्धा कर रहा था। इस प्रकार यह पारिवारिक समझौते का उल्लंघन है। पारिवारिक समझौता किसी भी पार्टी या किर्लोस्कर समूह की किसी कंपनी को एक-दूसरे के साथ सीधे प्रतिस्पर्धी व्यवसाय में शामिल होने से रोकता है।
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