जोमैटो के आईपीओ को 38 गुना बोलियां | सुंदर सेतुरामन / मुंबई July 17, 2021 | | | | |
खाना पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो के आईपीओ को निवेशकों ने हाथोहाथ लिया है। आईपीओ के तहत 71.9 करोड़ शेयर पेश किए गए थे मगर 2,750 करोड़ शेयरों के लिए यानी करीब 38 गुना बोलियां आईं। कंपनी के आईपीओ के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक कीमत की बोलियां आईं। देसी बाजार में बहुत कम आईपीओ के लिए इतनी अधिक कीमत की बोली लगी हैं।
जोमैटो के निर्गम के लिए करीब 75 फीसदी बोलियां संस्थागत निवेशकों से आईं और पात्र संस्थागत खरीदार श्रेणी में 52 गुना आवेदन प्राप्त हुए। निवेश बैंकरों का कहना है कि कई निवेशकों को एंकर बुक में पर्याप्त आवंटन नहीं मिल पाया था, जिसकी वजह से आईपीओ में मांग बढ़ी है। धनाढ्य निवेशक श्रेणी में 33 गुना बोलियां मिलीं और खुदरा श्रेणी में 7 गुना से ज्यादा आवेदन आए। लेकिन कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से के लिए केवल 62 फीसदी बोलियां आईं।
जोमैटो के आईपीओ के लिए निवेशकों का जोश बताता है कि पूंजी बाजार देसी स्टार्टअप तंत्र से कितनी अधिक उम्मीद रखता है। ब्लैकसॉइल के सह-संस्थापक और निदेशक अंकुर बंसल ने कहा, 'जोमैटो के आईपीओ की सफलता और पेटीएम के आईपीओ की तैयारी से भारतीय स्टार्टअप तंत्र के लिए बेहतर आधार तैयार हुआ है।' जेएम फाइनैंशियल प्राइवेट इक्विटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी डैरियस पंडोले ने कहा, 'जोमैटो के आईपीओ की सफलता से अन्य यूनिकॉर्न भी भारतीय पूंजी बाजार में आने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे भारतीय निवेशकों को तकनीकी यूनिकॉर्न में निवेश करने का मौका मिलेगा। हालांकि आईपीओ का कितना असर होगा, यह बताना अभी कठिन है।'
वित्त वर्ष 2018 में जोमैटो को 107 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो वित्त वर्ष 2020 में बढ़कर 2,386 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। लेकिन रकम खर्च करने की वजह से कंपनी की आय भी इस दौरान पांच गुना बढ़कर 466 करोड़ रुपये से 2,605 करोड़ रुपये पहुंच गई।
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