नागर विमानन मंत्रालय ने 'विश्वास, स्वप्रमाणन एवं बिना किसी हस्तक्षेप के निगरानी' के आधार पर भारत में ड्रोन का आसानी से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं। एक आधिकारिक बयान में आज कहा गया कि देश में ड्रोन संचालित करने के लिए भरे जाने वाले प्रपत्रों की संख्या को मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 में वर्णित 25 प्रपत्रों की तुलना में ड्रोन नियम, 2021 के मसौदे में घटाकर 6 कर दिया गया है। यूएएस नियम, 2021 इस साल 12 मार्च को लागू हुआ था। अधिसूचित होने के बाद ड्रोन नियम, 2021, यूएएस नियम, 2021 का स्थान लेगा। बयान में कहा गया है कि मसौदा नियमों में शुल्क को नाममात्र कर दिया गया है और अब इसका ड्रोन के आकार से कोई संबंध नहीं होगा। बयान में कहा गया है कि मसौदा नियमों ने विभिन्न स्वीकृतियों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकार और छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंस शामिल हैं। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मसौदे के नियम यूएएस नियम, 2021 से 'पूर्ण बदलाव' को चिह्नित करते हैं। सिंधिया ने ट्वीट किया, 'ड्रोन कम लागत, कम संसाधनों और संचालन में लगने वाले कम समय के साथ दुनिया भर में अगली बड़ी तकनीकी क्रांति ला रहे हैं।'
