वित्तीय समावेश आरबीआई की नीतिगत प्राथमिकता: दास | भाषा / मुंबई July 16, 2021 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक महामारी के बाद पुनरुद्धार को समाताकारक और परिस्थितिकीय अनुकूल बनाने के लिए वित्तीय समावेशन उसकी नीतिगत प्राथमिकता में बना रहेगा। वित्तीय सेमावेशन से तात्पर्य वित्तीय बैंकिंग सेवाओं को उन लोगों तक पहुंचाना है जो अभी इससे वंचित हैं। दास ने इकनॉमिक टाइम्स वित्तीय समावेश शिखर सम्मेलन में कहा कि रिजर्व बैंक जल्दी ही पहला वित्तीय समावेश सूचकांक जारी करेगा। यह पहुंच, उपयोग और गुणवत्ता के मामले में प्रगति का आकलन करेगा।
आरबीआई गवर्नर के अनुसार यह सुनिश्चित करने की सभी पक्षों की जिम्मेदारी है कि वित्तीय परिवेश (डिजिटल माध्यम सहित) समावेशी हो। साथ यह उचित वित्तीय शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से गलत तरीके से बिक्री, साइबर सुरक्षा, आंकड़ा गोपनीयता जैसे जोखिमों को प्रभावी तरीके से दूर करने एवं और वित्तीय प्रणाली में विश्वास को बढ़ावा देने में सक्षम हो। लोगों तक बैंक की पहुंच सुनिश्चित कर अर्थव्यवस्था को संगठित रूप देने में मदद के लिए पिछले दशक की शुरुआत से वित्तीय समावेश पर आरबीआई का विशेष जोर रहा है। प्रौद्योगिकी ने इसे आसान बनाया और सरकार ने भी प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरुआत कर इस पर काफी जोर दिया।
दास ने कहा कि वित्तीय समावेश निरंतर और संतुलित आर्थिक विकास का एक प्रमुख तत्व है। यह असमानता और गरीबी को कम करने में मदद करता है। जब हम इस मामले में तेजी से आगे बढ़ रहे थे, महामारी ने नई चुनौतियां और जटिलताएं पैदा की हैं।
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