कोरोना का असर कम दाम के मकानों पर | पुनीत वाधवा / July 16, 2021 | | | | |
कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से संभावित ग्राहकों को आमदनी के नुकसान के कारण देश में चालू वर्ष की पहली छमाही में 50 लाख रुपये से कम कीमत के मकानों की बिक्री प्रभावित हुई है। नाइट फ्रैंक इंडिया की जनवरी-जून 2021 की ताजा आकलन रिपोर्ट 'इंडिया रियल एस्टेट-रेजिडेंशियल' में कहा गया है, 'जनवरी-जून 2021 की अवधि में कुल आवासीय इकाइयों की बिक्री में 50 लाख रुपये से कम के मकानों की बिक्री का हिस्सा करीब 500 आधार अंक घटकर 42 फीसदी रह गया, जो 2020 में 47 फीसदी था। एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत कीमत के मकानों का हिस्सा कुल बिक्री में करीब 19 फीसदी रहा, जबकि 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये कीमत की इकाइयों की बिक्री करीब 400 आधार अंक बढ़कर 39 फीसदी रही।'
रिपोर्ट के मुताबिक किफायती मकानों के घटते अनुपात का सीधा संबंध महामारी से पैदा चुनौतियों से है। महामारी से नौकरी जाने के जोखिम, आय में गिरावट, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में बढ़ोतरी और अन्य चुनौतियों के कारण उस श्रेणी में मकान खरीदारों का आर्थिक भरोसा घटा है। हालांकि इस अवधि के दौरान आठ महानगरों- मुंबई, पुणे, बेंगलूरु, हैदराबाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद में आïवासीय इकाइयों की बिक्री सालाना आधार पर 22 फीसदी से 150 फीसदी बढ़ी है। देश के स्तर पर जनवरी और जून के दौरान आवासीय इकाइयां 99,416 रहीं, जो सालाना आधार पर 67 फीसदी अधिक थीं।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, 'पिछली चार तिमाहियों से महामारी का दौर चल रहा है, जिससे मकान खरीदारों को कई चीजों पर विचार करना पड़ रहा है। किफायती खंड महामारी के आर्थिक प्रभाव से पैदा अनिश्चितताओं के कारण प्रभावित हुआ है, लेकिन इसे छोड़कर बाजार की ताकत पर्याप्त नजर आई है।' उन्होंने कहा, 'हमारा अनुमान है कि संभावित खरीदारों की मनोवृत्ति में बदलाव के कारण आवासीय खंड मजबूत रहेगा। हमारा अनुमान है कि जब सामान्य स्थितियां बहाल होंगी, तब बिक्री मात्रा में इजाफा होगा।' इस साल की शुरुआत में बिक्री मात्रा दो बाजारों- महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे से अत्यधिक प्रभावित हुई। इन दोनों का अहम बाजारों की कुल बिक्री में 45 फीसदी से अधिक हिस्सा था। नाइट फ्रैंक ने कहा कि एक सीमित समय के लिए स्टांप शुल्क कम करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले से इन बाजारों में बिक्री को रफ्तार मिली।
बिक्री गतिविधियों में बढ़ोतरी ने 2020 में आवासीय कीमतों में गिरावट पर लगाम लगाई। आठ बाजारों में से चार में कीमत स्तर वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में उसी स्तर पर रहा या मामूली बढ़ा। रिपोर्ट में कह गया है, 'डेवलपरों ने सभी बाजारों में बिक्री बढ़ाने के लिए आसान भुगतान योजनाएं पेश कीं, लेकिन 2021 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष छूट कम रही।' दूसरी तरफ 2021 की पहली छमाही में आवासीय खंड में नई पेशकश सालाना आधार पर 71 फीसदी अधिक रहीं। इसमें मुंबई और पुणे के दो बाजारों का अहम योगदान रहा। रिपोर्ट में कहा गया है, 'सभी बाजारों में नई पेशकश में अहम इजाफा हुआ है। डेवलपरों ने मांग को भुनाने के लिए कदम उठाए हैं। दूसरी तिमाही का 2021 की पहली तिमाही की सभी पेशकश में हिस्सा एक चौथााई से थोड़ा अधिक रहा। हालांकि एक साल पहले की महामारी से प्रभावित तिमाही से तुलना करने पर पता चलता है कि 2021 की दूसरी तिमाही में 2020 की दूसरी तिमाही के मुकाबले सालाना आधार पर 388 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।
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