स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कुछ राज्यों में निजी कोविड टीकाकरण केंद्र टीकों की खरीद और टीका देने में काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहे हैं जो 'गंभीर चिंता' का कारण बन रहा है। सरकार ने 15 राज्यों के साथ आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि कई निजी टीकाकरण केंद्रों ने कोविड टीकों की निर्धारित मात्रा के लिए ऑर्डर तक नहीं दिए। कुछ मामलों में अगर ऑर्डर दिया गया तो निजी केंद्रों ने टीके का भुगतान नहीं किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ मामलों में दिए गए ऑर्डर के लिए भी कोई भुगतान नहीं किया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे निजी टीकाकरण केंद्रों और टीका निर्माताओं के बीच त्वरित और प्रभावी समन्वय बनाएं ताकि बाधा दूर हो सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्यों में राज्यों या निजी टीकाकरण केंद्रों द्वारा वैसे टीके भी नहीं लिए जा रहे हैं जिनका भुगतान किया जा चुका है। ऐसे भी उदाहरण थे जब निजी टीकाकरण केंद्रों ने टीके की खुराक ले ली लेकिन टीके की मात्रा के मुताबिक उतने लोगों को कोविड टीके नहीं लगाए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'राज्यों और निजी टीकाकरण केंद्रों को इसकी समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई थी कि बाकी बचे टीके की खुराक जल्द ही दे दी जाए।' सरकार ने राज्यों को टीका खरीदने की सुविधा देने और दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा करने की भी सलाह दी है ताकि निजी टीका निर्माताओं को तय मात्रा के लिए ऑर्डर दिया जा सके। कोविन पोर्टल के अनुसार देश में 1,800 से अधिक निजी कोविड टीकाकरण केंद्र हैं जबकि 29,000 से अधिक केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे हैं। 21 जून को एक ही दिन में रिकॉर्ड स्तर पर टीके की 90 लाख खुराक देने का स्तर पार करने के बाद पिछले हफ्ते टीकाकरण की रफ्तार धीमी होकर करीब 40 लाख तक हो गई। 13 जुलाई को देश में टीके की करीब 37 लाख खुराक दी गई। देश में अब तक कुल मिलाकर 34.5 करोड़ लोगों को टीके की खुराक दी गई है। कोविड टीकाकरण के लिए संशोधित दिशानिर्देशों के तहत टीका निर्माताओं के पास मौजूद 25 प्रतिशत स्टॉक निजी अस्पताल खरीद सकते हैं। राज्यों को अपनी मांग का पूरा आकलन करने और टीके का ऑर्डर देने के लिए कोविन ऐप का इस्तेमाल बैक एंड प्रबंधन उपकरण के तौर पर करने की जरूरत है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दो टीका निर्माता कंपनी, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि भी मौजूद थे। बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के स्वास्थ्य सचिव और टीकाकरण से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। राज्यों को यह भी कहा गया है किकेंद्र अगर टीके की उपलब्धता के बारे में अग्रिम जानकारी देती है तो वे नागरिकों से भी टीकों की उपलब्धता के बारे में पहले से ही जानकारी साझा करें। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार राज्यों को अब तक टीके की 39.6 करोड़ खुराक दी गई है और 30,250 खुराक पाइपलाइन में हैं। राज्यों और निजी अस्पतालों के पास 1.5 करोड़ से अधिक खुराक अब भी उपलब्ध है जिनका इस्तेमाल नहीं हुआ है।टीकों की अग्रिम सूचना के बावजूद कुप्रबंधन क्यों: मांडविया देश में कोविड टीकों की कमी और कम उपलब्धता को लेकर बन रही सुर्खियों के बीच स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार जुलाई में राज्यों को 13.5 करोड़ कोविड टीके की खुराक उपलब्ध करा देगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के माध्यम से टीकाकरण अभियान जारी रखने के लिए जून 2021 में राज्य सरकारों को टीके की 11.5 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई गई थी। मांडविया ने कहा कि जो व्यक्ति गलत सूचनाएं फैला रहे हैं और लोगों में दहशत बढ़ा रहे हैं उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है कि क्या उन्होंने शासन प्रक्रियाओं से खुद को इतना दूर कर लिया है कि उन्हें टीकों की उपलब्धता के संबंध में उपलब्ध कराई जा रही सही अग्रिम जानकारी की सूचना तक नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यों को टीके की उपलब्धता के बारे में अग्रिम जानकारी दिए जाने के बावजूद अगर कुप्रबंधन की स्थिति है और टीका लेने वालों की लंबी कतारें हैं तब यह स्पष्ट है कि वास्तविक मुद्दा क्या है और इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है। नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करें: मंत्रालय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलों सहित देश के अनेक हिस्सों में कोविड रोधी नियमों का 'खुला उल्लंघन' देखा गया है और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराने से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने यह भी कहा है कि सार्वजनिक परिवहन में कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया जा रहा है और बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है तथा शारीरिक दूरी बनाकर रखने के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। भल्ला ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है और किसी को भी खुशफहमी में नहीं रहना चाहिए तथा कोविड उचित व्यवहार का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी के मामलों में कमी आने के बाद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को फिर से खोलने की शुरुआत की है, लेकिन प्रतिबंधों में ढील की प्रक्रिया को बहुत सोच-समझकर अंजाम दिया जाना चाहिए। भल्ला ने कहा कि संक्रमण दर में कमी वाली अवधि में मामलों में किसी संभावित वृद्धि को रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए। गृह सचिव ने कहा, 'लेकिन, देश के अनेक हिस्सों में कोविड रोधी नियमों का खुला उल्लंघन देखा गया है, खासकर सार्वजनिक परिवहन और पर्वतीय पर्यटन क्षेत्रों में। बाजारों में भी भारी भीड़ उमड़ रही है, शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन हो रहा है।' उन्होंने कहा कि नियमों का पालन कराने में विफल रहने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। भाषा
