महाराष्ट्र में सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जोर दिए जाने की नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर 10,000 रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा और हाउसिंग सोसाइटी को चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए संपत्ति कर में छूट प्राप्त होगी। राज्य सरकार ने आज अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की जिसमें ई-वाहनों, पुर्जों और बैटरी की खरीद, इनके विनिर्माण और पुराने वाहनों के निपटान के लिए छूट-प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। राज्य को उम्मीद है कि वर्ष 2025 तक सभी नए वाहनों के पंजीकरण में 10 प्रतिशत हिस्सा ई-वाहनों का होगा। इलेक्ट्रिक खंड में दोपहिया (10 प्रतिशत) और चार पहिया वाहनों (पांच प्रतिशत) के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2025 तक राज्य परिवहन की 15 प्रतिशत बसों को इलेक्ट्रिक बसों में तब्दील कर दिया जाएगा। अपने इन नए उपायों के साथ ही महाराष्ट्र ई-परिवहन को प्रोत्साहित करने के मामले में दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने अपनी नीति तय करने से पहले अन्य राज्यों और देशों की ईवी नीतियों का अध्ययन किया है। इस योजना के तहत राज्य में सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से छूट प्रदान की जाएगी। इलेक्ट्रिक दोपहिया और कारों को 10,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि बसें 20 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन पाने की पात्र होंगी। प्रोत्साहन पाने वाले वाहनों की संख्या सीमित रखी जाएगी। सरकार चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाली हाउसिंग सोसायटी को संपत्ति कर में छूट देने के लिए शहरी नगर निकायों को प्रोत्साहित करेगी तथा केंद्र सरकार की पीएलआई योजना के अंतर्गत वाहनों के बैटरी विनिर्माण को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार के अतिरिक्तमुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र मांग और आपूर्ति पक्ष के प्रोत्साहन के माध्यम से ईवी पारिस्थितिकी तंत्र का प्रमुख गंतव्य बने।
