इंडेक्स फंड में निवेश की लागत में शायद ही और गिरावट आएगी। फ्लिपकार्ट के सहसंस्थापक सचिन बंसल की तरफ से स्थापित नवी म्युचुअल फंड ने भले ही काफी कम खर्च अनुपात की घोषणा कर प्राइस वॉर शुरू कर दिया हो, पर उद्योग का कहना है कि मौजूदा कंपनियां कुल खर्च अनुपात में बहुत ज्यादा कमी शायद नहीं करेंगी क्योंकि ऐसी कम लागत उनके कारोबार के लिए उपयुक्त नहीं होगी। नवी एमएफ ने नवी निफ्टी-50 इंडेक्स फंड पेश करने की घोषणा की थी और डायरेक्ट प्लान के लिए खर्च अनुपात 0.06 फीसदी रखा है, जो किसी इंडेक्स योजना के लिए बाजार की सबसे कम दर है। इंडेक्स फंडों की मौजूदा योजनाओं के लिए खर्च अनुपात 0.10 फीसदी से लेकर 0.30 फीसदी तक है। एक अग्रणी फंड हाउस के वरिष्ठ अधिकारी (पैसिव फंड प्रमुख) ने कहा, इस खर्च अनुपात पर प्रतिस्पर्धा मुश्किल होगी, लेकिन कम लागत वाले ऐसे मॉडल लंबी अवधि के लिहाज से टिकाऊ नहीं है। अगर कुछ फंड हाउस खर्च अनुपात घटाने की कोशिश करेंगे तो यह सिर्फ परिसंपत्ति आकर्षित करने के लिए होगा। उधर, कुछ इंडेक्स योजनाएं मसलन टाटा एमएफ, यूटीआई एमएफ व एचडीएफसी एमएफ की योजनाओं ने डायरेक्ट प्लान के लिए कुल खर्च अनुपात बढ़ा दिया था। एचडीएफसी इंडेक्स फंड- निफ्टी 50 प्लान का कुल खर्च अनुपात 0.10 फीसदी था, जिसे डायरेक्ट प्लान के लिए बढ़ाकर 0.20 फीसदी कर दिया गया। टाटा इंडेक्स फंड-निफ्टी का खर्च अनुपात 0.05 फीसदी था, जिसे मई के आखिर में बढ़ाकर 0.19 फीसदी कर दिया गया। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि इंडेक्स फंड को अपनी लागत निकालने के लिए कम से कम 0.10 फीसदी से लेकर 0.15 फीसदी वसूलना होगा। म्युचुअल फंडों को अपनी योजनाओं के प्रबंधन के लिए कुछ परिचालन खर्च वसूलने की इजाजत है मसलन बिक्री व विपणन लागत, प्रशासनिक खर्च और लेनदेन की लागत, निवेश प्रबंधन शुल्क, पंजीकरण शुल्क, कस्टोडियन शुल्क, ऑडिट शुल्क के लिए फंड के रोजाना के नेट ऐसेट के प्रतिशत के तौर पर यह शुल्क लेने की अनुमति है। म्युचुअल फंड योजनाओं के प्रबंधन के लिए वसूली जाने वाली ऐसी सभी लागत कुल खर्च अनुपात के नाम से जाना जाता है। बाजार नियामक सेबी ने फंड हाउस को इंडेक्स फंडों के लिए एक फीसदी तक कुल खर्च अनुपात वसूलने की इजाजत दी है। डीएसपी म्युचुअल फंड के प्रमुख (पैसिव इन्वेस्टमेंट) अनिल गिलानी ने कहा, विगत में हमने देखा है कि कुछ इंडेक्स फंड करीब 0.05 फीसदी वसूल रहे थे। लेकिन कुछ महीने बाद उन्होंने खर्च अनुपात में दोबारा बढ़ोतरी कर दी। ऐसा नहींं है कि निवेशक इसलिए निवेश करना शुरू कर देंगे कि खर्च अनुपात कम है। एमएफ में निवेश ढांचागत फैसला होता है, जिसके जरिये लंबी अवधि का जुड़ाव होता है। पैसिव इन्वेस्टमेंट का लक्ष्य इंडेक्स के रिटर्न के बराबर चलने का होता है, न कि उसे मात देने का। इंडेक्स फंड एक तरह की म्युचुअल फंड योजना है।
