इक्विटी योजनाओं में भले ही जून में लगातार चौथे महीने शुद्ध निवेश हुआ हो, लेकिन निवेश की मात्रा घटी है क्योंकि बाजार के नए सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की। इक्विटी योजनाओं में जून में 5,988.17 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो मई के मुकाबले करीब 41 फीसदी कम है।जून में सकल निवेश निकासी 20,922.92 करोड़ रुपये की हुई, जो मई में 15,550.66 करोड़ रुपये रही थी। एसबीआई एमएफ के मुख्य कारोबारी अधिकारी डी पी सिंह ने कहा, जब बाजार मेंं तेजी आती है तो निवेशक मुनाफावसूली करते हैं। लगातार 10 साल से एसआईपी के जरिए निवेश बनाए रखने वाले निवेशकों ने भी कुछ निवेश निकासी की है, लेकिन वे एसआईपी चालू रखे हुए हैं।मई के मुकाबले हालांकि मई में हालांकि ज्यादा फंड आया, जो संकेत देता है कि बाजारों की स्थिति चाहे जैसी रही हो, निवेशकों ने इक्विटी फंडों में निवेश जारी रखा। जून में सेंसेक्स 1.05 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी में 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। पिछले चार महीने में इक्विटी योजनाओं में संचयी शुद्ध निवेश 28,623.64 करोड़ रुपये रहा क्योंंकि निवेशकों ने बाजार में हो रहे उतारचढ़ाव पर ध्यान नहींं दिया। मई में शुद्ध निवेश 10,000 करोड़ रुपये रहा था, जो 14 महीने का सर्वोच्च स्तर है।जून में वैल्यू फंडों व इक्विटी से जुड़ाव वाली बचत योजनाओं (ईएलएसएस) की इक्विटी श्रेणी से शुद्ध निकासी हुई। मिडकैप व थिमेटिक फंडों में क्रमश: 1,729 करोड़ रुपये व 1,207 करोड़ रुपये हासिल हुए, जो इक्विटी श्रेणी में निवेश का सर्वोच्च स्तर है।मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, देश में कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े हालात में सुधार के अलावा रिकवरी दर में बेहतरी, टीकाकरण में तेजी ने निवेशकों को सहजता प्रदान की है। इसके अतिरिक्त चुनौतीपूर्ण हालात में भी बाजार में तेजी से निवेशकों की अवधारणा को भी मजबूती मिली है।एम्फी ने यह खुलासा भी किया है कि जून में म्युचुअल फंड निवेशकों की संख्या करीब दोगुनी होकर 2.39 करोड़ हो गई, जो मार्च 2017 में 1.19 करोड़ थी। निवेशकों की संख्या की गिनती परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन से होती है। एमएफ उद्योग ने पिछले 15 महीनों में 31 लाख से ज्यादा निवेशक जोड़े हैं।एसआईपी के जरिए निवेश भी जून में मई के मुकाबले बढ़ा। जून में एसआईपी का योगदान 9,155 करोड़ रुपये रहा, जो मई में 8,819 करोड़ रुपये रहा था। एसआईपी एयूएम बढ़कर 4.83 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, कई नए निवेशक अन्य पारंपरिक निवेशक गंतवव्य के मुकाबले एसआईपी के जरिए म्युचुअल फंड से जुड़ रहे हैं। जून में एसआईपी में रिकॉर्ड 21.19 लाख पंजीकरण हुए।इक्विटी फंडोंं के अलावा हाइब्रिड योजनाओं व अन्य योजनाओं (पैसिव व फंड ऑफ फंड इन्वेस्टिंग ओवरसीज) में शुद्ध निवेश क्रमश: 12,361.47 करोड़ रुपये और 5,850.43 करोड़ रुपये रहा। यहां तक कि डेट योजनाओं में भी जून में करीब 3,566.39 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। मनी मार्केट फंडों से सबसे ज्यादा 13,987.73 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जिसके बाद अल्ट्रा शॉर्ट ड््यूरेशन फंड व शॉर्ट ड््यूरेशन फंड का स्थान रहा। हालांकि लो ड््यूरेशन फंडों, फ्लोटर फंडों और ओवरनाइट फंडों में जून के दौरान मजबूत निवेश देखने को मिला।कुल मिलाकर म्युचुअल फंड उद्योग में 15,320.28 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ और प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां जून में 33.66 लाख करोड़ रुपये रही।
