छोटे और मझोले आकार के चार निजी क्षेत्र के बैंकों के ऋण खाते में जून 2021 तिमाही के दौरान मार्च 2021 तिमाही के मुकाबले संकुचन दर्ज किया गया। कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण पैदा हुए व्यवधान से कारोबार को झटका लगा। हालांकि देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक ने अग्रिम में क्रमिक आधार पर महज 1.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों के कारण आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के बावजूद एचडीएफसी बैंक ने यह बढ़त दर्ज की। इंडसइंड बैंक, येस बैंक, फेडरल बैंक और सीएसबी बैंक के मामले में ऋण संकुचन क्रमिक आधार पर 1 फीसदी से 3.5 फीसदी के दायरे में रहा। बैंकरों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान सामान्य कारोबारी गतिविधियों की रफ्तार सुस्त रही। इस साल कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए देश के कई भागों में पाबंदियां लगाई गई थीं जिससे आर्थिक सुधार को झटका लगा। हालांकि सालाना आधार पर तस्वीर अलग दिखती है। इसमें लगभग सभी बैंकों के अग्रिम में वृद्धि दिखती है लेकिन इसका कारण पिछले साल का कमजोर आधार है। ऋण वृद्धि को भले ही झटका लगा हो लेकिन बैंकों की जामा वृद्धि में लगातार तेजी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान एचडीएफसी बैंक के अग्रिम में सालाना आधार पर 14.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तिमाही के दौरान बैंक का अग्रिम बढ़कर 11.47 लाख करोड़ रुपये हो गया जो 30 जून 2020 को 10.03 लाख करोड़ रुपये रहा था। हालांकि क्रमिक आधार पर बैंक के ऋण खाते में महज 1.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान येस बैंक के अग्रिम में सालाना और मासिक दोनों आधार पर संकुचन दर्ज किया गया। इंडसइंड बैंक के अग्रिम में क्रमिक आधार पर 1 फीसदी का संकुचन दिखा जबकि सालाना आधार पर 7 फीसदी की वृद्धि रही। फेडरल बैंक के ऋण खाते में क्रमिक आधार पर 1.56 फीसदी का संकुचन दिखा जबकि सालाना आधार पर उसमें 8 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। सीएसबी के अग्रिम में भी क्रमिक आधार पर 3.52 फीसदी का संकुचन दिखा जबकि सालाना आधार पर उसके ऋण खाते में 23.71 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
