देश में कोरोनावायरस के रोजाना दर्ज होने वाले मामलों में लगातार कमी आ रही है। आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के नए मामलों में से करीब 80 फीसदी मामले 90 जिलों में ही देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह इन क्षेत्रों में तेज कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके अलावा 73 जिलों में संक्रमण के 10 फीसदी से अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं और ऐसे ज्यादातर जिले पूर्वोत्तर राज्यों में हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि इन 73 जिलों में से 43 या इनमें से लगभग 59 फीसदी जिले पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्रित हैं। कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर चिंता बढ़ी है और गृह मंत्रालय ने सात पूर्वोत्तर राज्यों में टीकाकरण की शुरुआत और कोविड से जुड़ी तैयारी की समीक्षा करने के लिए इस सप्ताह एक विशेष बैठक बुलाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि प्रभावित जिलों में स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत है। ताजा मामलों में से लगभग 80 फीसदी मामले केवल इन्हीं 90 जिलों में दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश जिले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, असम, कर्नाटक, मणिपुर, गोवा, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में हैं। उन्होंने कहा, 'संक्रमण स्थानीय आधार पर फैल रहा है। इन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर संक्रमण रोकने से जुड़ी गतिविधियों की जरूरत है।' संक्रमण दर के लिहाज से देखा जाए तो 73 जिलों में अब 10 फीसदी से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, केरल, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम जैसे कुछ राज्यों के जिले शामिल हैं। अग्रवाल ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में दूसरी लहर अभी भी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के रोजाना दर्ज होने वाले मामलों में लगातार कमी आई है और देश में संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान 24 घंटे में 414,188 मामले दर्ज किए जाते थे जबकि अब कोविड-19 के केवल 34,703 मामले ही दर्ज किए गए हैं। 4 मई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 531 जिलों में 100 से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे थे जबकि 4 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 91 जिले में 100 से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। हालांकि अधिकारी ने कहा कि संक्रमण कुछ क्षेत्रों में फिर भी फैल रहा है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोगों या स्थानीय बाजारों में भीड़ देखकर चिंता जताई है। हिमाचल प्रदेश के मनाली और शिमला वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के मसूरी, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों के भीड़भाड़ वाले बाजारों की मीडिया में आई तस्वीरों को दिखाते हुए अग्रवाल ने कहा, 'लोगों में यह धारणा है कि वायरस का असर खत्म होने पर ही पाबंदिया हटती हैं।' वायरस हमारे भीतर अब भी ज्यादा है और हमें कोविड-19 को लेकर सही रवैया अपनाना होगा नहीं तो लापरवाही से संक्रमण और भी तेजी से फैलेगा। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपने घरों तक बंद नागरिकों द्वारा हाल में की जा रही यात्राओं को प्रतिक्रिया स्वरूप की जाने वाली यात्रा करार दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 319 जिलों में अप्रैल में 'लोकलसर्कल' द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण का हवाला दिया जिसमें 33,000 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें से 24 प्रतिशत लोगों ने मास्क पहनने के नियमों जबकि 63 फीसदी ने शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया। करीब 25 फीसदी लोगों ने यात्रा के दौरान कोविड-19 से जुड़े उचित कदमों को नहीं अपनाया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि संक्रमण से और 553 लोगों की मौत हो गई है हालांकि करीब 90 दिनों में यह सबसे कम संख्या है। वहीं, 34,703 नए मामले सामने आए हैं जो 111 दिनों में सबसे कम है। नए मामलों के साथ अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 3,06,19,932, हो गई जबकि मृतक संख्या 4,03,281 पहुंच गई है।
