बॉलीवुड कलाकार अजय देवगन, मनिपाल समूह के प्रबंध निदेशक गौतम पई, वेंचर कैपिटल फंड एलिवेशन कैपिटल के संस्थापक रवि अदुसुमिली और पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा के बीच क्या समानता है? असल में ये सभी ब्लैंक चेक कंपनियों जिसे विशेष उद्देश्यीय अधिग्रहण कंपनियां (स्पैक) भी कहा जाता है, को शुरू करने, उनमें निवेश करने या उसको प्रोत्साहन देने से जुड़े हैं। ऐसी कंपनियां भारत की नई स्टार्टअप हैं, जो जल्द ही अमेरिकी बाजार में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं। भारतीय प्रायोजकों और उनके साझेदारों द्वारा स्थापित कम से कम चार स्पैक अगले कुछ महीनों में अमेरिकी बाजार से आईपीओ के जरिये करीब 1 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही हैं। ये मीडिया और मनोरंजन, तकनीक एवं उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़ी घरेलू कंपनियों को लक्षित कर रही हैं। स्पैक ऐसी कंपनी होती है जिसका कोई वाणिज्यिक परिचालन नहीं होता है और इसका गठन लक्षित कंपनी के अधिग्रहण के लिए आईपीओ के माध्यम से पूंजी जुटाने के वास्ते किया जाता है। पारंपरिक आईपीओ के बजाय कई भारतीय तकनीकी और नई पीढ़ी की स्टार्टअप कंपनियां, जो अभी मुनाफे में भी नहीं आई हैं, वे इसके जरिये आसानी और तेजी से सूचीबद्घ कराने की संभावना तलाशती हैं। मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र को लक्षित करते हुए दो स्पैक का गठन किया गया है। पिछले हफ्ते इंटरनैशनल मीडिया एक्विजिशन कॉर्प (आईएमएसी) के नाम से रिलायंस एंटरटेनमेंट के समूह मुख्य कार्याधिकारी शुभाशिष शेखर द्वारा एक स्पैक का गठन किया गया है। इस कंपनी ने अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के पास 23 करोड़ डॉलर (ग्रीन शू विकल्प के साथ) का आईपीओ लाने के मकसद से विवरणिका जमा कराई है। प्रायोजक समूह पहले ही 71 लाख से 79.6 लाख डॉलर मूल्य के शेयर खरीदने की प्रतिबद्घता जता चुका है और इन्हें अजय देवगन, निर्देशक मणि रत्नम, रोहित शेट्टी और इम्तियाज अली के साथ ही टी-सीरीज, मुंबई मूवी स्टूडियो, अन्नपूर्णा स्टूडियोज जैसे निवेशकों का समर्थन हासिल है। ये स्पैक आम तौर पर भारतीय कंपनियों को लक्षित कर रही हैं जिनका उद्यम मूल्य 15 करोड़ से 50 करोड़ डॉलर है और इसने चार प्रमुख क्षेत्रों - टीवी और डिजिटल सामग्री, गेमिंग, प्रदर्शन कारोबार तथा ओटीटी वितरण को चिह्नित किया है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जल्द ही अमेरिका, कनाडा और यूरोप के अलावा सिंगापुर जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के धनाढ्य निवेशकों के लिए रोड शो करने की तैयारी में है। इसकी योजना अमेरिका और कनाडा में शीर्ष 80 प्राइवेट इक्विटी फर्मों से संपर्क करना है। यह दो या तीन कंपनियों को एक इकाई के तौर पर अधिग्रहण कर उसे विलय करने की भी संभावना तलाश रही है क्योंकि भारत में 50 करोड़ डॉलर की एकल इकाई तलाशना कठिन हो सकता है।
