नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि दिसंबर 2021 तक कोविड टीकों की दो अरब खुराक उपलब्ध होने का सरकार का अनुमान कंपनियों द्वारा बताई गई योजना पर आधारित था जिसे आशावादी दृष्टि से साझा किया गया। पॉल सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष जताए गए कमतर अनुमान के मुद्दे पर अपनी बात रख रहे थे। सरकार ने गत 13 मई को कहा था इस वर्ष अगस्त से दिसंबर के बीच 2.16 अरब टीकों की खुराक उपलब्ध होंगी। हालांकि गत सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दिए हलफनामे में उसने आंकड़े को घटाकर 1.35 अरब खुराक कर दिया है। पॉल ने कहा, 'उस समय इस बात को लेकर सवाल थे कि क्या हमारे पास टीके होंगे। ये अनुमान अत्यंत प्रतिष्ठित कंपनियों ने आकांक्षापूर्ण ढंग से प्रस्तुत किए थे।' उन्होंने कहा कि दो प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं पर भी निर्भर रहें तब भी हालात संतोषजनक हैं। देश में अब तक 34 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। 21 जून को एक दिन में 90 लाख टीके लगने के बाद देश में टीकाकरण की गति कम होने के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश भर में टीकाकरण का औसत जनवरी के 2.35 लाख से बढ़कर जून में 40 लाख हो गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'हम एक लंबी दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं, 100 मीटर की दौड़ में नहीं। रोज के आंकड़ों के विश्लेषण के बीच व्यापक तस्वीर के कहीं खो जाने का भय है।' सरकार जॉनसन ऐंड जॉनसन के कोविड टीके की उपलब्धता को लेकर भी अनुबंध की शर्तों पर चर्चा कर रही है। पॉल ने कहा, 'हमें उनकी प्रतिपुष्टि मिली है और बातचीत आगे बढ़ रही है। योजना के मुताबिक हैदराबाद में बायोलॉजिकल ई इस टीके को बनाएगी। यह अच्छा टीका है और कुछ दिक्कतें दूर होने के बाद ये भारत में उपलब्ध होंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि मॉडर्ना से आने वाले टीके के बारे में विस्तृत ब्योरा जल्दी साझा किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को टीके स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को भी मंजूरी दे दी है। ऐसा टीकाकरण संबंधी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति की अनुशंसा के बाद किया गया। अध्ययनों से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 संक्रमण से गर्भवती महिला का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता है और इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर भी असर हो सकता है। छह राज्यों में केंद्र की टीम सरकार ने केरल, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में टीमें भेजी हैं। इन राज्यों में कोविड मामलों में तेजी दर्ज की जा रही है। दो सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम में एक चिकित्सक और एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ये टीमें कोविड-19 प्रबंधन के समग्र क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी।टीका रहा असरदार पीजीआई चंडीगढ़ ने टीके के असर को लेकर एक अध्ययन कराया है जिसमें यह पता चला है कि कोविड टीके की दोनों खुराक ने बीमारी से बचाव में 98 फीसदी सुरक्षा दी है जबकि टीके की एक खुराक से 92 फीसदी सुरक्षा मिली है। यह अध्ययन पंजाब पुलिस के जवानों पर किया गया। टीके की पहली खुराक लेने वाले करीब 35,856 लोगों में से 9 लोगों की मौत कोविड की वजह से हो गई। वहीं टीके की दोनों खुराक लेने वाले 42,720 लोगों में से केवल दो लोगों की मौत हुई। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, 'एक खुराक लेने वाले प्रत्येक एक हजार लोगों पर मौत का आंकड़ा 0.25 जबकि दोनों खुराक लेने वालों के बीच यह आंकड़ा 0.05 तक था।' जिन 4,868 पुलिसकर्मियों ने टीके की एक भी खुराक नहीं ली थी उनके बीच कोविड से मरने वालों की संख्या 15 थी।
