पूंजी बाजार की पहुंच व्यापक बनाने के इरादे से बाजार नियामक सेबी आईपीओ का कामकाज संभालने की इजाजत पेमेंट्स बैंक को देने की योजना बना रहा है। नियामक की योजना स्मॉल फाइनैंस बैंक को भी आईपीओ के लिए अस्बा (ऐप्लिकेशन सपोर्टेड बाइ ब्लॉक्ड अमाउंट) की सुविधा की अनुमति देने की है। अस्बा सुविधा बैंक खाते में आवंटन तक आईपीओ आवेदन की रकम ब्लॉक करके रखता है। हालांकि मोबाइल वॉलेट को आईपीओ का प्रक्रिया का हिस्सा बनाने के मामले में सेबी को ऐतराज है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।इस संबंध में आगामी 29 जून की सेबी की बोर्ड बैठक में घोषणा हो सकती है। अभी आईपीओ के भुगतान की प्रक्रिया अधिसूचित वाणिज्यिक बैंक संभालते हैं। सभी वाणिज्यिक बैंक अस्बा सुविधा नहीं दे पा रहे हैं।इसे लागू किए जाने पर पेटीएम, एयरटेल मनी और इंडिया पोस्ट जैसे पेमेंट्स बैंकों को आईपीओ प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए सेबी के पास पंजीकरण कराना होगा। सेबी के प्रस्तावित कदम से और लोगों को पूंजी बाजार लाने में मदद मिलेगी। साथ ही यह आईपीओ के बंद होने और उसकी सूचीबद्धता के बीच की अवधि छह कार्यशील दिवस से तीन दिन करने में भी मददगार होगा। सूत्रों ने कहा, नई पीढ़ी के वैसे लोगों को खास तौर से इससे मदद मिलेगी, जिनके पास सिर्फ पेमेंट्स बैंक में ही खाता है। एक सूत्र ने कहा, नई पीढ़ी के खई बैंक हैं, जो स्मॉल फाइनैंस बैंक नहींं हैं, लेकिन उसकी पहुंच काफी ज्यादा है। आईपीओ प्रक्रिया में ऐसे बैंकों को शामिल किए जाने से छोटे शहरों के निवेशकों को कवर करने में मदद मिलेगी।सूत्र ने कहा, सेबी इस मामले में इश्यू के बैंकर नियमों में संशोधन करेगा ताकि इन बैंकों को अनुमति दी जा सके। अभी 40 से ज्यादा बैंक अस्बा सुविधा मुहैया कराते हैं। बाजार नियामक का मानना है कि प्रतिभूति बाजारों को नए बिजनेस मॉडल के साथ डिजिटल तकनीक अपनाना चाहिए ताकि कार्यकुशलता मेंं सुधार हो और छोटे निवेशकों की लागत में कमी आए। इसी वजह से सेबी ने साल 2018 में आईपीओ आवेदन में खुदरा निवेशकों को यूपीआई का इस्तेमाल कर भुगतान करने का वैकल्पिक जरिया पेश किया था।हाल में सेबी ने आईपीओ आवेदन संभालने के लिए और यूपीआई को अनुमति दी है। शुरू में सिर्फ भीम यूपीआई को ही इसकी इजाजत मिली थी। सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर व प्रमुख (पूंजी बाजार) यश जे अशर ने कहा, पहले सेबी ने आईपीओ में खुदरा निवेशकों को रेग्युलर बैंकिंग चैनल या ब्रोकरों के जरिए आवेदन की इजाजत दी थी। साल 2019 के शुरू में यूपीआई के इस्तेमाल की इजाजत खुदरा निवेशकों को दी गई। हमारा मानना है कि इस सुविधा को लागू करने से खुदरा निवेशकोंं को आईपीओ आवेदन में तत्काल भुगतान की सहूलियत मिली है।सूत्रोंं ने कहा, इन बैंकोंं को मंजूरी के लिए आरबीआई के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि सेबी ने केंद्रीय बैंक से संपर्क के बाद यह किया है।आरबीआई ने वित्तीय समावेशन को मजबूत बनाने के लिए पेमेंट बैंक शुरू किया है, जो बचत खाता और धन प्रेषण की सेवा श्रमिकों, कम आय वाले परिवारों, छोटे कारोबारियों व अन्य इकाईयों को मुहैया कराता है, जो असंगठित क्षेत्र में हैं। का बोर्ड स्वतंत्र निदेशकों के लिए नया ढांचा लागू कर सकता है ताकि उन पर प्रवर्तकों का प्रभाव कम हो। साथ ही मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर (स्टॉक एक्सचेंजों, डिपॉजिटरीज व क्लियरिंग कॉरपोरेशन) के लिए स्वामित्व के नियम में भी सेबी नरमी ला सकता है।
