महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर से अभी उभरा भी नहीं कि तीसरी लहर की चेतावनी आनी शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी टीकाकरण अभियान की सुस्त रफ्तार के कारण अभी तक राज्य के महज पांच फीसदी लोगों को ही टीका लग पाया है। सरकार टीकाकरण अभियान को तेज करने के साथ-साथ लोगों को सतर्क रहने को कह रही है। साथ ही चेतावनी भी दे रही है कि जरुरत पड़ी, तो दोबारा लॉकडाउन लगाने से सरकार हिचकने वाली नहीं है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हुई समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने बताया कि तीसरी लहर में आने वाले मामलों की संख्या दूसरी लहर से दोगुनी होगी। अभी राज्य में 1.4 लाख सक्रिय मामले हैं, जो बढ़कर आठ लाख तक हो सकते हैं। कोरोना की पहली लहर में 19 लाख मामले सामने आए थे, तो दूसरी लहर में 40 लाख मामले आए। बैठक में अधिकारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लॉकडाउन में छूट दिए जाने के बाद से बाजारों में अनियंत्रिण भीड़ और कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन की स्थितियां चिंतित करने वाली हैं। अब तक इस संक्रमण से जो वर्ग अछूता रहा है, उसके इस बार चपेट में आने की आशंका है। गरीब और निम्न मध्य वर्ग के लोग इसमें शामिल हैं। टास्क फोर्स के सदस्यों ने टीकाकरण अभियान को तेजी के साथ चलाने का सुझाव दिया है। इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि अगस्त-सितंबर तक देश को करीब 42 करोड़ टीके मिलने जा रहे हैं, इससे महाराष्ट्र को भी फायदा होगा। महाराष्ट्र में संक्रमण से बचाव के लिए पांच माह में 50 लाख से अधिक लोगों का पूर्ण टीकाकरण हुआ है अर्थात उन्हें टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक 53,72,219 लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है। राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकडों के अनुसार महाराष्ट्र में नौ करोड़ लोग 18 वर्ष से ऊपर हैं। इसके मुताबिक राज्य में सरकार पांच माह में पांच फीसदी से थोड़ा अधिक लोगों का पूरी तरह से टीकाकरण कर पाई है। देशव्यापी टीकाकरण अभियान इस वर्ष 16 जनवरी से शुरू हुआ था। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे कई बार दावा कर चुके हैं कि राज्य में आठ लाख लोगों को प्रतिदिन टीका लगाने की व्यवस्था है, लेकिन आंकड़े दिखाते हैं कि राज्य में रोजाना औसतन दो लाख खुराके दी गई हैं। रिपोर्ट के अुनसार टीके की दोनों खुराक पाए 34,99,679 लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, अग्रिम मोर्चे के 8,47,938 कर्मचारियों, 8,05,318 स्वास्थ्य कर्मचारियों और 2,19,284 लोग 45 वर्ष से कम उम्र के हैं, जिनका टीकाकरण हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के 1,55,11,585 लोगों को और 12,38,085 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। राज्य में संक्रमण दर तेजी से घटी है। कोविड-19 संबंधी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में संक्रमण की सबसे अधिक दर कोल्हापुर में है और इसके पड़ोसी जिले सिंधुदुर्ग में ऑक्सीजन बेड पर सर्वाधिक मरीज भर्ती हैं। आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में 16,570 ऑक्सीजन बेड भरे हुए हैं, हालांकि यह आंकड़ा लगातार घट रहा है। गोंदिया में संक्रमण दर सबसे कम 0.27 फीसदी है। मुंबई में 23.56 फीसदी ऑक्सीजन बेड का इस्तेमाल हो रहा है, मुंबई में कुल 2,016 ऑक्सीजन बेड इस्तेमाल हो रहे हैं, जबकि 9,097 ऑक्सीजन बेड अभी खाली हैं। यहां 951 वेंटिलेटर का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि 529 वेंटिलेटर खाली हैं। राज्य में इस्तेमाल में आ रहे ऑक्सीजन बेड की संख्या और कम होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी निगमों और जिलाधिकारियों से पाबंदियों में ढील देने को कहा है। गौरतलब है कि 4 जून को राज्य सरकार ने संक्रमण दर और उपयोग में लाए जा रहे ऑक्सीजन बेड के आधार पर विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों में पांच चरण की अनलॉक योजना की घोषणा की थी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि जिला प्रशासन को नियमों को कड़ाई से पालन कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में ढील की वजह से कई जगहों पर भीड़-भाड़ बढ़ने की रिपोर्ट मिली है। ऐसे में जिला प्रशासन को और सतर्क रहने को कहा गया है। महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास विभाग के मुख्य सचिव असीम गुप्ता ने कहा कि पॉजिटिविटी दर के आधार पर राज्य में अनलॉकिंग और लॉकिंग की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस सिस्टम की सफलता इस पर निर्भर है कि जिला प्रशासन संक्रमण के मामले बढ़ने की स्थिति में कितनी तेजी से कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में अगर मामले बढ़ते हैं, तो राज्य में लॉकडाउन लगाने में देरी नहीं की जाएगी। ऐसा न समझा जाए कि अब लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा, अगर काफी तेजी से मामले बढ़ते हैं, तो सरकार तुरंत लॉकडाउन लगा देगी।
