मझोली आईटी कंपनियों की रेटिंग में बदलाव कम | राम प्रसाद साहू / मुंबई June 13, 2021 | | | | |
मझोली सूचना प्रौद्योगिकी (मिड-कैप आईटी) कंपनियों ने पिछले साल के दौरान अपनी लार्ज-कैप प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया और बड़ी आईटी कंपनियों के मुकाबले 138 प्रतिशत का प्रतिफल दिया जिससे निवेशकों की पूंजी 77 प्रतिशत तक बढ़ी। मिड-कैप कंपनियों की रेटिंग में बदलाव की रफ्तार पिछले 6 महीने में बढ़ी है और इस संबंध में अंतर बढ़कर 121 प्रतिशत अंक पर पहुंच गया।
लार्ज-कैप और मिड-कैप आईटी कंपनियों से बाजार अनुमान का अंदाजा समग्र स्तर पर कीमत-आय (पीई) मल्टीपल में आई तेजी से भी लगाया जा सकता है। एक साल पहले, शीर्ष-5 और उसके बाद की 5 आईटी कंपनियों के मूल्यांकन में मुश्किल से ही कोई अंतर था और शेष पांच आईटी कंपनियां मामूली प्रीमियम पर कारोबार कर रही थीं। यह अब बढ़कर 31 प्रतिशत हो गया। इस वजह से बाजार इन कंपनियों के लिए राजस्व और आय वृद्घि बेहतर रहने की उम्मीद कर रहा है।
आईटी मिड-कैप के शानदार प्रदर्शन की वजह बताते हुए रिलायंस सिक्योरिटीज के सुयोग कुलकर्णी ने कहा कि इन कंपनी की राजस्व वृद्घि लगातार मजबूत रही है। यह बजट की ऊंची भागीदारी, नए सौदों के प्रवाह, खासकर तब जब प्रौद्योगिकी चक्र में सुधार दिख रहा है, पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बडे सौदे क्रियान्वित कर रहे मझोले आकार के उद्यमों द्वारा भी प्रौद्योगिकी पर अमल किए जाने की संभावना मजबूत होगी।
इनमें से कुछ रुझान राजस्व वृद्घि और मार्च तिमाही में सौदों के प्रवाह में तेजी के तौर पर स्पष्ट दिखे हैं। एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज और एम्फेसिस को छोड़कर, कई मिड-कैप कंपनियों ने 4.4-7 प्रतिशत के बीच तिमाही वृद्घि दर्ज की, जबकि टीसीएस 4.2 प्रतिशत की वृद्घि के साथ खास लार्ज-कैप में शामिल रही। जहां टीसीएस और इन्फोसिस जैसी लार्ज-कैप कंपनियों (17-57 प्रतिशत) ने नए सौदों के प्रवाह में अच्छी तेजी दर्ज की, वहीं मिड-कैप ने भी शानदार गति बनाए रखी। एलऐंडटी इन्फोटेक और एम्फेसिस ने पिछले साल नए सौदों में 22-25 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की।
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विकास आहूजा और आशिष अग्रवाल ने कहा, 'पिछली कुछ तिमाहियों में मिड-कैप में शानदार सौदा प्रवाह और डिजिटल वृद्घि ने अगले 12 महीनों के दौरान वृद्घि की अच्छी संभावना पैदा की हँ। इसके अलावा अब डिजिटल राजस्व कई मझोली कंपनियों के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा है जिससे उनके लिए पारंपरिक आईटी कार्य पर मूल्य निर्धारण दबाव की भरपाई करने में मदद मिल सकती है।'
राजस्व वृद्घि के मोर्चे पर मजबूत प्रदर्शन वित्त वर्ष 2022 में भी बने रहने की संभावना है, क्योंकि लार्ज-कैप श्रेणी की कंपनियां 11-16 प्रतिशत के दायरे में राजस्व वृद्घि दर्ज कर सकती हैं और इन्फोसिस इनमें महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, वहीं मिड-कैप कंपनियों द्वारा 15-18 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज किए जाने की संभावना है।
हालांकि बहुत ज्यादा मार्जिन बढ़त हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
मजबूत राजस्व वृद्घि और कम लागत के लाभ की वजह से कई मिड-कैप कंपनियों ने मार्जिन के मोर्चे पर बड़ी प्रतिस्पर्धियों को भी मात दी है और तिमाही आधार पर 20-150 आधार अंक की तेजी दर्ज की है। टीसीएस लार्ज-कैप श्रेणी में ऐसी एकमात्र कंपनी रही जिसने इस संदर्भ में 20 आधार अंक का इजाफा दर्ज किया। जहां राजस्व वृद्घि मजबूत बनी रहेगी, वहीं विश्लेषक मिड-कैप कंपनियों के लिए मार्जिन की राह में समस्याएं आने की चेतावनी दे रहे हैं।
खासकर एट्रीशन स्तर (कर्मचारियों के छोडऩे की दर) बढऩे पर पारिश्रमिक लागत बढऩे की आशंका है। जून और सितंबर तिमाहियों में सौदा प्रवाह में सुधार, यात्रा और डिस्क्रेशनरी खर्च में तेज आदि ऐसे अन्य कारक हैं जिनका कंपनियों के मार्जिन पर प्रभाव पड़ेगा। एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक ने एलऐंडटी इन्फोटेक के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि परिचालन दक्षता की मात्रा वित्त वर्ष 2022 की सितंबर तिमाही में ही स्पष्ट हो पाएगी। इस सबसे बड़े मिड-कैप कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 में 9.5 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, लेकिन नियुक्तियों में भी 14.4 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया।
मिड-कैप कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन और बड़ी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बडे मूल्यांकन अंतर को देखते हुए विश्लेषकों का कहना है कि रेटिंग में बदलाव की संभावना नहीं है।
उन्होंने निवेशकों को एलऐंडटी इन्फोटेक और एम्फेसिस जैसी कंपनियों पर ध्यान देने का सुझाव दिया है, जिन्होंने वर्ष की शुरुआत से अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
|