अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की तैयारी करने वाली फिनटेक फर्म पेटीएम के पास 50 करोड़ डॉलर का बैंक बैलेंस उपलब्ध है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। पेटीएम अपने आईपीओ के साथ पूंजी बाजार में दस्तक देने की तैयारी कर रही है ताकि वह देश के फिनटेक क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति का विस्तार कर सके। कंपनी की आईपीओ योजना से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, 'पेटीएम का आईपीओ बिल्कुल समय पर है क्योंकि इससे कंपनी को अपनी वित्तीय सेवाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी जबकि उसने पहले ही एक मल्टी-स्टेक भुगतान परिवेश तैयार कर लिया है। यह आईपीओ से आम निवेशकों एवं संस्थागत निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी के तौर पर पेटीएम की भूमिका सुनिश्चित होगी।' पेटीएम ने इस बाबत पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया। दिल्ली के टेकलेजिस एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स के पार्टनर एवं प्रमुख (टीएमटी एवं आईपी प्रैक्टिस) सलमान वारिस ने कहा, 'मैंं समझता हूं कि पेटीएम जैसी कंपनी के लिए इस मोर्चे पर आईपीओ के जरिये रकम जुटाने का कारण अधिक नकदी प्रवाह सुनिश्चित करना है। पेटीएम को एक कंपनी के तौर पर रकम जुटाने अथवा अपनी विश्वसनीयता अथवा बाजार मूल्य में सुधार लाने की जरूरत नहीं है। वह हाल के निवेश दौर के जरिये जुटाई गई नकदी के भंडार पर बैठी है और अब वह मौजूदा शेयरधारकों के लिए अधिक नकदी प्रवाह हासिल करने के लिए आईपीओ की तैयारी कर रही है। इसलिए कंपनी इस परिस्थिति में अच्छा कर रही है और निवेशक अथवा संस्थापक अपने निवेश को भुनाना चाहते हैं। ऐसे में वे कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराते हुए शेयरधारक के तौर पर मुनाफे को विभाजित कर सकते हैं, कंपनी की लोप्रियता को भुना सकते हैं और बाजार का भरोसा हासिल कर सकते हैं। कंपनी के प्रदर्शन के बारे में सामान्य निवेशकों की धारणा के आधार पर कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है जो पेटीएम के लिए फिलहाल काफी अच्छा है। इसलिए शेयरधारक और निवेशक उसे अवश्य भुनाना चाहेंगे।' पेटीएम की नजर भुगतान क्षेत्र में फोनपे और गूगल पे जैसी अन्य प्रमुख प्रतिस्पर्धियों की तरह महज एक ही प्रकार के भुगतान पर केंद्रित नहीं है। पेटीएम ने अपने भुगतान दायरे में काफी विस्तार किया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान उसने मर्चेंट भुगतान क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। वित्त वर्ष 2020 के वित्तीय नतीजों में इसकी झलक मिलती है जहां उसने 3,540.77 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है। जबकि फोनपे का राजस्व 427 करोड़ रुपये और गूगल पे का राजस्व 3.8 करोड़ रुपये रहा। बर्नस्टीन द्वारा तैयार आईपीओ-पूर्व रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम के पीयर-टु-मर्चेंट भुगतान की मात्रा में पिछले तीन वर्षों के दौरान 67 फीसदी सीएजीआर से वृद्धि हुई और अब वह करीब 52 अरब डॉलर के पी2एम लेनदेन को प्रॉसेस करती है। रेडसीर की एक शोध रिपोर्ट में भी पेटीएम को 50 फीसदी से अधिक से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ पी2एम लेनदेन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी करार दिया गया है। पेटीएम इस साल नवंबर में आईपीओ के साथ पूंजी बाजार में दस्तक देने की तैयारी कर रही है।
