इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने बड़ोदरा में कोयली रिफाइनरी में कच्चे तेल की प्रसंस्करण सुविधा की विस्तार योजना के अलावा पेट्रोरसायन और ल्यूब्रिकैंट इकाई को भी स्थापित करने की कुल 24 हजार करोड़ रुपये की निवेश योजना पर गुजरात सरकार के साथ हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि कोयली रिफाइनरी की क्षमता को 43 लाख टन लाख सालाना से बढ़ाकर 1.80 करोड़ टन सालाना किया जाएगा। इसके साथ ही इसमें पांच लाख टन सालाना उत्पादन क्षमता की पोलीप्रापिलीन इकाई और 2.35 लाख टन क्षमता की ल्यू्ब्रिकैंट की मूल सामग्री बनाने वाला संयंत्र लगाया जाएगा। इस पूरे कार्य पर कुल 24,000 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इस निवेश परियोजना को लेकर गुजरात सरकार और इंडियन ऑयल के बीच आपसी सहमति के ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित थे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस परियोजना के तैयार होने से कंपनी की पेट्रोरसायन के क्षेत्र में आगे बढऩे को लेकर तैयारी मजबूत होगी। इससे कंपनी पीवीसी, स्टायरेन, एक्रिलोनिट्रायल, पॉलि मिथाइल मेथाक्रयलेट और एथलीन ऑक्साइड जैसे रसायनों के उत्पादन क्षेत्र में आगे बढ़ सकेगी। आईओसी ने कहा कि इस अवसर पर कोयली-अहमदनगर-सोलापुर पाइपलाइन के लिए दुमद में ढांचागत सुविधाओं को तैयार करने और साथ ही डिटरजेंट उद्योग के काम आने वाले लीनियर एल्काइल बेंजीन (एलएबी) के लिए टैंक-ट्रक लोडिंग सुविधा को भी तैयार करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने इस अवसर पर कहा, गुजरात रिफाइनरी अब 1.80 करोड़ टन सालाना क्षमता तक पहुंचने की तैयारी में है। रिफाइनरी में अब पोलिप्रॉपिलीन, ल्यूब ऑयल बेस स्टॉक और बुटायल एक्रीलेट की उत्पादन इकाइयां भी जुड़ जाएंगी।
