एक सरकारी अधिकारी ने कहा है कि केंद्रीकृत वैक्सीन नीति के बाद टीकाकरण पर केंद्र का 35,000 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन करीब 100 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त है। उनके अनुसार, इस बारे में कुछ बता पाना जल्दबाजी होगी कि टीकाकरण खर्च और बढ़ाए जाने की जरूरत है, क्योंकि सरकार मौजूदा समय में आवंटित राशि को खर्च करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। अधिकारी ने कहा कि हालांकि सरकार जरूरत पडऩे पर अतिरिक्त कोष प्रदान करने के लिए स्वतंत्र है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में (अप्रैल से) टीकों पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें दो वैक्सीन निर्माताओं को किया गया अग्रिम भुगतान भी शामिल है। अधिकारी ने कहा, 'बजटीय आवंटन विभिन्न आंतरिक आकलनों को ध्यान में रखे जाने के बाद किया गया था। हम खरीद लागत और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर इस बजटीय अनुमान पर पहुंचे थे। लेकिन यदि अन्य कोष की जरूरत पड़ी, तो सरकार इसे मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्घ है।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी यह आश्वासन दिया है कि सरकार और राशि मुहैया कराने को इच्छुक है। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक बातचीत में कहा था, 'यदि जरूरत हुई तो मैं और कोष मुहैया कराने को इच्छुक हूं। सरकार की व्यवस्थाएं इसे टीका निर्माताओं को प्रदान करेंगी जिससे कि वे मुझे उपयोगिता प्रमाणन देने में सक्षम हों।' हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बजटीय स्तर लक्ष्य से अलग हो सकता है। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'खर्च को राज्य सरकारों से केंद्र सरकार को स्थानांतरित करने की योजना होगी और इसके परिणामस्वरूप बजटीय स्तर बढ़ सकता है।' हालांकि उन्होंने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि खरीद लागत कितनी होगी। वित्त वर्ष 2022 के लिए बजट में वैक्सीन खरीद के संदर्भ में 35,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी।
