मुंबई के कुछ शीर्ष मॉल का कहना है कि जून में वित्तीय राजधानी में दुकानों के समय में बढ़ोतरी के साथ ही संगठित शॉपिंग स्पेस को भी फिर से खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। महाराष्ट्र के अनलॉक कार्यक्रम के तहत कम संक्रमण वाले जिलों में आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को लंबे समय तक खोलने की अनुमति दी जाएगी। मुंबई भी इस सूची में शामिल है। गैर-आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी की अनुमति 1 जून से होगी। मॉल मालिकों का तर्क है कि फॉर्मल स्पेसेज को बाहर रखना सही तरीका नहीं हो सकता है। इनफिनिटी मॉल के मुख्य कार्याधिकारी मुकेश कुमार ने कहा, 'कोविड-19 की पहली लहर के दौरान मॉल को (मुंबई में) काफी बाद में खोला गया जबकि गैर-आवश्यक खुदरा दुकानों को पहले दौर की ढील में ही खोलने की अनुमति दी गई थी। अब ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि मॉल खरीदारी के लिए सुरक्षित जगह हैं।' शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एससीएआई) के चेयरमैन कुमार ने राज्य सरकार को ज्ञापन देकर मॉल को नए सिरे से खोलने के लिए जल्द से जल्द अनुमति देने आग्रह किया है ताकि इस क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो सके। संगठन ने संपत्ति कर, बिजली शुल्क और उत्पाद शुल्क जैसे वैधानिक भुगतान में थोड़े समय के लिए छूट दिए जाने की भी मांग की है। कुमार ने कहा, 'कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई में राजस्व का काफी नुकसान हुआ है। दो महीने की अवधि के दौरान इस क्षेत्र को करीब 3,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसलिए हमें इस दौर से उबरने के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ बैंकों से भी मदद की दरकार होगी।' ऐसा नहीं है कि केवल मॉल ही राहत उपायों की मांग कर रहे हैं। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने भी अनुपालन आवश्यकताओं, ब्याज में राहत और मूलधन एवं ब्याज भुगतान के लिए छह महीने की मोहलत मांगी है ताकि इस संकट से उबरने में मदद मिल सके। उद्योग के आकलन से पता चलता है कि अप्रैल से मई के दौरान खुदरा विक्रेताओं के राजस्व को करीब 25,000 करोड़ रुपये का झटका लगा। आरएआई के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि अप्रैल में खुदरा बिक्री कोविड पूर्व स्तर यानी अप्रैल 2019 के मुकाबले 49 फीसदी की गिरावट आई। मई कहीं अधिक खराब रहने की आशंका है क्योंकि कोविड के प्रकोप के मद्देनजर देश भर में नए सिरे से लॉकडाउन संबंधी पाबंदियां लगाई गईं। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मॉल और खुदरा विक्रेता वित्त वर्ष 2022 के लिए रेंट एग्रीमेंट पर नए सिरे से बातचीत कर रहे हैं। इनऑर्बिट मॉल्स के मुख्य कार्याधिकारी रजनीश महाजन ने कहा कि खुदरा साझेदारों के साथ तमाम मुद्दों को सुलझाने की मंशा और चाहत थी। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि इस बार पिछले साल की तरह खुदरा विक्रेताओं और मॉल मालिकों के बीच किराया संबंधी बातचीत को लेकर अधिक चिंता थी। हालांकि मामला दर मामला बातचीत चल रही थी। मॉल मालिक छूट, रियायत एवं राजस्व साझेदारी आदि पर बात करेंगे जो खुदरा विक्रेताओं की सुविधा और बातचीत की प्रगति पर निर्भर करेगा।' उद्योग सूत्रों ने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में खुदरा विक्रेता अपनी बचत का लगभग 20 से 25 फीसदी रकम किराया मद में रखने के लिए समर्थ थे और उन्हें छूट एवं रियायत से काफी मदद मिली। संपत्ति और खुदरा की श्रेणी के आधार पर छूट 10 से 50 फीसदी के दायरे में रही। इस साल उम्मीद है कि खुदरा विक्रेताओं के लिए किराये पर बचत उनकी पूरे साल के किराये की लागत का 10 से 15 फीसदी होगी क्योंकि देश में लॉकडाउन एक साथ नहीं लगाया गया था।
