घरेलू इक्विटी बाजार अब उच्च श्रेणी में शामिल हो गए हैं। मई में भारतीय बाजार नई ऊंचाई को छूने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मन जैसे खास विकसित बाजारों (डीएम) की सूची में शामिल हो गए। उभरते बाजारों (ईएम) में, ब्राजील ऐसा अन्य बाजार है जिसने इस महीने नई ऊंचाइयों को छुआ। वहीं दक्षिण कोरिया, ताईवान और न्यूजीलैंड जैसे एशियाई प्रतिस्पर्धी इस साल के शुरू में दर्ज किए गए अपने पिछले ऊंचे स्तरों के मुकाबले 2 से 10 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे हैं। घरेलू बाजार कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अप्रैल में खराब प्रदर्शन करने वाले मुख्य वैश्विक बाजारों में शुमार थे। हालांकि संक्रमण में कमी और अर्थव्यवस्था में तेज सुधार की उम्मीद के बीच मई में भारतीय बाजार में अच्छी तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा कॉरपोरेट आय में सुधार से भी घरेलू इक्विटी बाजारों में धारणा को बल मिला। जेएम फाइनैंशियल के प्रमुख (रणनीतिकार एवं अर्थशास्त्री) धनंजय सिन्हा ने कहा, 'कोविड-19 की दूसरी लहर में नरमी और हाल के सप्ताहों में अमेरिकी मुद्रास्फीति में नरमी जैसे कारकों से भारतीय शेयर बाजारों की कमजोरी दूर करने में मदद मिली। निफ्टी सर्वाधिक ऊंचाई पर है। इस साल अब तक इसमें 11 प्रतिशत की तेजी आई है, जो विकसित अर्थव्यवस्थाओं में दर्ज तेजी के लगभग समान है।' अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के मुख्य सूचकांक इस साल अब तक (वाईटीडी) आधार पर 12 प्रतिशत और 13 प्रतिशत के बीच चढ़े हैं। सिन्हा ने कहा, 'हम अगले 12-18 महीनों में निफ्टी के 17,500 पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं, जो मौजूदा स्तर से करीब 15 प्रतिशत की तेजी है।' विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक निवेशकों ने फिर से भारत पर ध्यान दिया है, क्योंकि कोविड-19 के संक्रमण ने उन अन्य एशियाई देशों को प्रभावित किया है, जब पिछले साल प्रभावित नहीं हुए थे। एवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रेटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, 'भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है, क्योंकि हम ज्यादा पूंजी प्रवाह आकर्षित करने में मदद मिली है। कई एशियाई बाजारों में निकासी दिखी है जिनमें ताईवान और दक्षिण कोरिया मुख्य रूप से शामिल हैं। ताईवान में भी सख्त लॉकडाउन लगाया गया था। भारत में मामले तेजी से घटे हैं। भारत को वृद्घि वाले बाजार के तौर पर देखा गया है। इसके अलावा भारत में खुदरा भागीदारी से भी बाजार को मजबूती मिल रही है।' यूबीएस और मॉर्गन स्टैनली जैसी वैश्विक ब्रोकरेज फर्मों ने कहा है कि भारत ईएम श्रेणी में उनका पसंदीदा बाजार बना हुआ है। मॉर्गन स्टैनली में एशिया ऐंड इमर्जिंग मार्केट्स के रणनीतिकार डेनियल ब्लेक ने कहा, 'आय की रफ्तार काफी मजबूत रही है और नीतिगत बदलाव भी इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने और वैश्विक आपूर्ति शृंखला को आकर्षक बनाने पर केंद्रित रहा है।' ब्रोकर ने भारत की आय वृद्घि 2022 में काफी तेज होने का अनुमान जताया है, जिससे कीमत-आय मल्टीपल में कमी आएगी। हालांकि बाजारों में तेजी ने कई लोगों को आशंकित भी किया है, क्योंकि यह ऐसे समय में दर्ज की गई है जब दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से आर्थिक गतिविधि धीमी पड़ी है।
