रेलवे यात्रियों ने सरकार से निवेदन किया है कि जिन लोगों ने दोनों टिके लगवा लिए हैं, उन्हें रेलवे में सफर करने की अनुमति दी जाए। रेलवे प्रवासी महासंघ ने कहा कि 22 अप्रैल से महाराष्ट्र में लॉकडाउन शुरू हुआ था, जिस कारण लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है। राज्य में इस वक्त टीका अभियान जोरों पर है। मुंबई और ठाणे में अब कोरोना के मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। महाराष्ट्र के ग्रामीण जिलों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था इसे ठीक करने की कोशिश में जुटी हुई है। लॉकडाउन में लोगों के घर का आर्थिक चक्र बिगड़ गया है। मजदूर वर्ग को दूर-दूर तक जाना पड़ता है। रेलवे के बिना उन्हें यात्रा करने में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। रेलवे प्रवासी महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष मनोहर शेलार ने कहा कि 45 वर्ष के ऊपर वाले जिन लोगों की कंपनियां चालू हैं, उन्हें रेलवे के पास नही मिल रहे हैं। हमारी यही विनती है कि जिन लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं, उन्हें रेलवे से यात्रा करने की अनुमति प्रदान की जाए। घर पर बैठकर तो किसी को तनख्वाह नहीं मिलेगी। कल्याण के आगे कर्जत खोपोली कसारा में रहनेवाले लोग हैं। वे रेलवे से ही यात्रा कर सकते हैं। इस संबंध में हमने कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भेजा है। निजी कार्यालय, ऋणसंघ, एमआईडीसी आदि में काम करने वाले जिन लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं, उन्हें रेलवे से यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
