राज्यों ने एक 'उदारीकृत' प्रणाली के तहत 18-44 साल उम्र वर्ग के लोगों को टीके लगाने के लिए टीका निर्माताओं से सीधे कोविड टीका खरीदना शुरू कर दिया है और राज्य सरकारों का दावा है कि केंद्र भी इसी समूह के लिए खुराक आवंटित कर रहा है। नतीजतन, ज्यादा आबादी वाले कुछ राज्यों का कहना है कि उन्हें ऐसे समय में उन्हें ज्यादा नुकसान हो रहा है क्योंकि राज्यों में टीके की आपूर्ति कम है। टीका निर्माण कंपनियों के सूत्रों का कहना है कि केंद्र की तरफ से नियंत्रित होने वाली प्रणाली अधिक कुशलता से काम करती है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के राज्य टीकाकरण अधिकारी अजय घई के अनुसार, इसे उत्तर प्रदेश की तुलना में कम आबादी वाले राज्यों के मुकाबले कम टीके मिले हैं। घई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'केंद्र 45 साल से अधिक उम्र और 18-44 साल की श्रेणी से ऊपर दोनों के लिए कोटा आवंटित करता है। केंद्र के आवंटन के आधार पर ही टीका निर्माता प्रत्येक राज्य को खुराक का वितरण करते हैं। हालांकि, कई राज्य अभी भी हमसे बेहतर हैं हालांकि हमारे यहां बड़ी आबादी है और हमें ज्यादा खुराक की जरूरत भी है।' पूर्वी राज्य के टीकाकरण अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ही इस बात का फैसला करता है कि राज्य को कितनी खुराक मिलेगी। अधिकारी ने कहा, 'हम टीका निर्माताओं को सीधे ऑर्डर देते हैं लेकिन हमें कितनी खुराक मिलेगी यह केंद्र के आवंटन पर निर्भर करता है। इसका फैसला महीने के लिहाज से तय किया जाता है या जब भीकेंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल), कसौली से खुराक की बैच जारी की जाती है।' टीका निर्माता भी इसकी ही पुष्टि करते हैं। टीका निर्माण कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमें स्वास्थ्य मंत्रालय को उन खुराकों के बारे में सूचित करना होगा जिसे हम तैयार करेंगे। इसके अलावा हमें यह भी बताना है कि राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र से हमें कितने ऑर्डर मिल रहे हैं। केंद्र ने कहा है कि तैयार टीके का 50 फीसदी हिस्सा उसके द्वारा खरीदा जाएगा। बाकी राज्यों और निजी अस्पतालों के बीच बांट दिया जाएगा। इसमें ये ब्योरे शामिल होते हैं और जरूरत के हिसाब से इसका आवंटन होता है।' अधिकारी ने आगे कहा कि जब भी खुराक की बैच सीडीएल, कसौली से जारी की जाती है तब केंद्र न केवल यह तय करता है कि प्रत्येक राज्य को टीके की कितनी खुराक मिलेगी बल्कि किस भौगोलिक क्षेत्र (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम)के किस अस्पताल को उस बैच से कितनी खुराकें मिलेंगी यह भी तय किया जाता है। अधिकारी ने आगे कहा, 'इससे पूरा तंत्र सक्षम होता है क्योंकि सभी लोग एक ही समय में टीके की मांग कर रहे हैं।' बताया जा रहा है कि भारत में रोजाना कम से कम 27 लाख खुराक तैयार की जा रही है जबकि मई के पहले तीन हफ्तों में टीकाकरण अब तक औसतन 16.2 लाख खुराकों के साथ हुआ हुआ है और राज्य टीके की कमी की शिकायत कर रहे हैं। कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्यों ने टीके की कमी का हवाला देते हुए 18-44 साल उम्र वर्ग के लोगों का टीकाकरण रोक दिया है। उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्य परिचालन केंद्रों की संख्या को नियमित कर कोविड टीकाकरण अभियान का प्रबंधन कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर घई के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने केवल सात जिलों में 18-44 साल उम्र वर्ग के लोगों को टीका लगाना शुरू किया जहां संक्रमण की दर सबसे अधिक थी और फिर धीरे-धीरे इसे 23 जिलों तक बढ़ा दिया गया है। अब तक, उत्तर प्रदेश में 45 साल से अधिक उम्र वर्ग के समूह की कुल 4.32 करोड़ आबादी में से 1.34 करोड़ लोगों को टीके लगे हैं जबकि 18-44 साल उम्र वर्ग की कुल 9.28 करोड़ की लक्षित आबादी में से 11-12 लाख लोगों को ही टीके लगे हैं। घई के मुताबकि राज्य को अब तक 33 लाख खुराकें मिली हैं जिनमें से कुछ हाल ही में मिली हैं जबकि राज्य ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड की 50 लाख खुराक का ऑर्डर दिया था। अब राज्य के पास महज दो सप्ताह का ही स्टॉक बचा है। गुजरात में स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, 18-44 साल उम्र वर्ग के लिए टीके का आवंटन संयुक्त मंच ई-विन पर राज्यों की संबंधित स्टॉक सूची की सीमा पर ही आधारित होगा। अधिकारी के अनुसार, उत्पादक यह भी देख रहे हैं कि किसी विशेष राज्य में टीके ऐसे ही पड़े तो नहीं हैं और इसी वजह से पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक राज्य में टीकाकरण अभियानों पर निगाह रखी जा रही है। नतीजतन, कई बार टीके का भंडार खत्म होने के आधार पर कुछ राज्यों को दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक खुराक मिल जाती है। गुजरात के राज्य टीकाकरण अधिकारी नयन जानी के अनुसार, राज्य ने 18-44 उम्र वर्ग के लिए 2.5 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है जिनमें से 14-15 लाख खुराक मिली है। जानी ने कहा, 'हम टीकाकरण अभियान के उचित प्रबंधन के माध्यम से टीके के भंडार का नियमन करने की कोशिश कर रहे हैं।' दूसरी ओर, राजस्थान को केंद्र से 1.55 करोड़ से अधिक कोविड टीकों की कुल खुराक मिली है जिनमें से 1.53 करोड़ टीके का वितरण विभिन्न जिलों में किए गए हैं। राजस्थान ने सीरम इंस्टीट्यूट से 18-44 साल उम्र वर्ग के लिए टीके की 14 लाख खुराक खरीदी है।'लैंसेट' ने आठ सिफारिशें की भारत के लिए 'लैंसेट' के विशेषज्ञों के एक समूह ने महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने और जान के नुकसान को रोकने के संबंध में कोविड-19 रोधी टीके की खरीद और वितरण के लिए एक केंद्रीय प्रणाली बनाने समेत आठ सिफारिशें की है। 'लैंसेट सिटिजंस कमिशन ऑन रीइमेजिंग इंडियाज हेल्थ सिस्टम' की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में हुई थी। इस समूह में वेल्लौर में क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी में) प्रोफेसर, विषाणु विज्ञानी गगनदीप कांग और नारायण हृदयालय के अध्यक्ष देवी शेट्टी समेत 21 विशेषज्ञ हैं। ब्रिटिश चिकित्सा पत्रिका 'लैंसेट' में प्रकाशित एक आलेख में विशेषज्ञों ने केंद्र और राज्य सरकारों के लिए तत्काल कदम उठाने को लेकर आठ सिफारिशें की हैं। इसमें राज्य द्वारा पारदर्शी मूल्य नीति और अनौचारिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए नकदी हस्तांतरण के उपाय भी शामिल हैं। कोविड-19 रोधी टीकों की खरीद और निशुल्क वितरण, राज्य सरकारों के जरिए विकेंद्रीकृत खरीद की मौजूदा नीति खत्म करने के सुझाव भी हैं। भाषा
