भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास व डिप्टी गवर्नरों ने आज कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ से मुलाकात कर अर्थव्यवस्था की स्थिति व रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए कदमों को लागू करने के बारे में चर्चा की, जिससे कोविड के आर्थिक दर्द को कम किया जा सके। इस बैठक में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, खासकर छोटी उधारी लेने वालों, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को मिलने वाले कर्ज के साथ मौद्रिक नीति को लागू करने व नकदी की स्थिति पर चर्चा हुई। पिछले हफ्ते गवर्नर ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात कर इन्ही विषयों पर बात की थी। बैंकरों ने उसके बाद दूसरे पुनर्गठन के विकल्प की मांग की थी, जिनके कर्ज का पुनर्गठन पिछले साल हो चुका है, साथ ही संपत्ति वर्गीकरण की अनुमति देने की मांग की गई थी, खासकर ऐसी स्थिति में, जब कोई कंपनी अस्थायी रूप से खराब हालत में है, जिसकी संपत्ति का पुनर्गठन पहले दौर में हो चुका है। सूत्रों ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों ने भी वही मांग दोहराई है, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने की थी। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बैंकों से कहा कि वे तेजी से रिजर्व बैंक की ओर से 5 मई, 2021 को घोषित कदमों को लागू करें। रिजर्व बैंक ने कहा कि उन्होंने बैंकों को विभिन्न वित्तीय सेवाओं के प्रावधानों की निरंतरता सुनिश्चित करने को भी सलाह दी है।
