पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अगले चरण की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है। अगले महीने इस योजना को शुरू किए जाने की उम्मीद है। इस चरण में केंद्र सरकार का लक्ष्य कम आय वर्ग वाले परिवारों को 1 करोड़ रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन देना है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि यह योजना मौजूदा पीएमयूवाई की तरह की होगी और इस योजना के लाभार्थी भी मौजूदा श्रेणी के होंगे। तेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, 'योजना की रूपरेखा तैयार है, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से इसे लागू करने में देरी हो रही है। पीएमयूवाई के तहत योजना के लाभार्थी के घर जाकर जांच करनी होती है, ऐसे में संक्रमण का ज्यादा जोखिम है। हम जून तक इस योजना को शुरू कि ए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।' अधिकारी ने कहा, 'पीएमयूवाई योजना पहले जैसी ही बनी रहेगी।' पीएमयूवाई योजना के तहत लाभार्थी को नया रसोई गैस कनेक्शन लेने के लिए केंद्र सरकार 1,600 रुपये देती है। लाभार्थी गैस चूल्हे की लागत वहन करता है और पहली रिफिल खरीदता है। इसे सुगम बनाने के लिए तेल विपणन कंपनियां लाभार्थी को ब्याज रहित कर्ज देती हैं। कर्ज वाली राशि की भरपाई तेल कंपनियां लाभार्थी द्वारा गैस सिलिंडर भराने पर मिलने वाली सब्सिडी से करती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी, 2021 के बजट में मौजूदा 8 करोड़ लाभार्थियों के अतिरिक्त 1 करोड़ और लोगों को पीएमयूवाई का लाभ देने की घोषणा की थी। इस तरह से देश में रसोई गैस के कुल उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2022 तक 30 करोड़ के करीब हो जाएगी। इस समय 20.72 करोड़ गैर पीएमयूवाई रसोई गैस उपभोक्ता हैं। पहले यह उम्मीद की गई थी कि चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता हटने के बाद पीएमयूवाई योजना पेश की जाएगी। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी में चुनाव को देखते हुए आचार संहिता 26 फरवरी से 4 मई के बीच लागू थी। लेकिन आचार संहिता हटने के साथ ही कोविड की दूसरी लहर आ गई और इसकी वजह से केंद्र सरकार को बजट में की गई इस घोषणा को लागू करने की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी। लोकप्रिय पीएमयूवाई को इस साल लागू करना इसलिए भी अहम है क्योंकि उत्तर प्रदेश के अहम विधानसभा चुनाव 2022 की शुरुआत में होने को हैं। उत्तर प्रदेश मेंं पहले ही इस योजना के तहत सबसे ज्यादा सिलिंडर दिए गए हैं और पूरे देश में करीब 1.5 करोड़ लाभार्थियों को फायदा पहुंचा है। पश्चिम बंगाल और बिहार क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड में भी फरवरी-मार्च 2022 में चुनाव होने को हैं। कोविड-19 की पहली लहर में कम आय वर्ग के परिवारों को सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पीएमयूवाई के लाभार्थियों को 3 सिलिंडर रिफिल मुफ्त देने की घोषणा की थी। इससे खजाने पर 9,670.41 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था।
