महाराष्ट्र में तबाही मचाते हुए चक्रवात तौकते पड़ोसी राज्य गुजरात में 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंच गया है। यह राज्य में पिछले दो दशक का सबसे खराब चक्रवात है। सोमवार को महाराष्ट्र में तूफान से कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि अरब सागर में दो नावें फंसने के बाद 3 नाविक गायब हैं। सबसे बुरी तरह प्रभावित हो रहे गुजरात में पिछले कुछ दिनों में 1.5 लाख लोगों को हटाया गया है, जबकि 2 जहाज अरब सागर में भटक गए हैं, जिन पर 410 लोग सवार थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने राज्य के राजस्व सचिव पंकज कुमार के हवाले से खबर दी है, 'यह कम से कम 20 साल में गुजरात में आने वाला सबसे खतरनाक चक्रवात है। इसकी तुलना 1998 में आए चक्रवात से की जा सकती है, जो कांडला से टकराया था और इससे भारी नुकसान हुआ था।' रॉयटर्स के मुताबिक 1998 में आए चक्रवात में कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और कई सौ करोड़ का नुकसान हुआ था। रिपोर्टों में कहा गया है कि तौकते चक्रवात के कारण गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने हाल के अपडेट में कहा है कि तौकते बहुत गंभीर चक्रवात में बदल गया है, जो सोमवार को 8 बजे और 11 बजे रात को गुजरात के तटों पर पहुंच रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर पोरबंदर और महुआ (भावनगर) के बीच रहने की संभावा है। इसके पहले मौसम विभाग ने कहा था कि तौकते मंगलवार की सुबह गुजरात में पहुंचेगा। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (सीएसएमआईए) ने सभी सेवाएं चक्रवात की चेतावनी के मद्देनजर रात 8 बजे तक निलंबित रखने की घोषणा की है। हवाईअड्डे ने 7 डायवर्जन किए हैं। अलर्ट को देखते हुए कुछ एयलाइंस ने मुंबई में अपनी सेवाएं रद्द करने का फैसला किया। सीएसएमआईए ने 34 अराइवल और 22 डिपार्चर रद्द होने की सूचना दर्ज की है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे उड़ान के समय घर छोड़ते समय अपनी संबंधित एयरलाइंस के संपर्क में रहें। सीएसएमआईए ने अपने ताजा बयान में कहा, 'चक्रवात को देखते हुए मुंबई हवाईअड्डे पर परिचालन 17 मई को स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे तक बंद रहेगा।' पोरबंदर में वेंटिलेटर सपोर्ट पर इलाज करा रहे कम से कम 17 कोविड मरीजों को पोरबंदर सिविल अस्पताल से अन्य केंद्रों पर भेज दिया गया है। केंद्र ने गुजरात को चक्रवात से निपटने के लिए सभी तरह की मदद की पेशकश की है और थलसेना, नौसेना और वायुसेना को प्रशासन की मदद के लिए तैयार रहने को कहा गया है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने तटवर्ती जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राज्य सरकार के संपर्क में हैं और उन्होंने हर संभव मदद करने को कहा है। रेल मंत्रालय ने कहा कि जोन और संभागीय नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रख रहे हैं और वे निरंतर दक्षिण रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे, कोंकण रेलवे, मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेलवे के सभी सभी स्टेशनों के संपर्क में हैं। उसने कहा कि रेलवे संभाग एवं जोन निगरानी एवं किसी भी आकस्मिक स्थिति में योजना बनाने के लिए लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में हैं। बयान में कहा गया है, 'दुर्घटना राहत ट्रेनें, चिकित्सा राहत वाहन और टावर वैगन जैसे रेलवे के सभी आपात मोचन तंत्र को किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत उपयोग के लिए बिल्कुल तैयार रखा गया है। स्टोन डस्ट, बोल्डर आदि वस्तुओं का भी भंडार भी किसी टूट-फूट की स्थिति के लिए तैयार रखा गया है।' रेल मंत्रालय ने कहा, 'गोवा बंदरगाह, वास्को डि गामा रेलवे स्टेशन एवं अन्य स्टेशनों को जाने वाली लाइनों पर उपयुक्त घोषणाएं की जा रही है। यदि चक्रवात की तीव्रता अधिक रहेगी तो ट्रेनें रोक दी जाएगी। वैसे बहुत कम ट्रेनें ही चल रही हैं।' उसने कहा, 'बंदरगाहों पर रेलवे रेकों का उतारना एवं चढ़ाना चक्रवात की तीव्रता के लिए समायोजित किया जा रहा है और सभी संबंधित पक्षों को उसी हिसाब से तब्दीली करने को कहा गया है ताकि जान-माल की क्षति रोकी जा सके।'भारतीय सेना ने कहा कि चक्रवात सोमवार शाम गुजरात तट से टकराने की संभावना को देखते हुए उसने 180 टीम और नौ इंजीनियर कार्यबलों को तैयार रखा है। सेना ने बयान जारी कर कहा, 'सेक्टर कमांडर और डिविजन मुख्यालय जिलाधिकारियों और राजस्व आयुक्तों के संपर्क में हैं जो गुजरात में राहत कार्यों के लिए नोडल अधिकारी हैं।'नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया, 'बंबई हाई इलाके में स्थित हीरा तेल क्षेत्र में बजरा 'पी-305' की मदद के लिए आईएनएन कोच्चि को बचाव में मदद के लिए भेजा गया है, उस बजरे पर 273 लोग सवार हैं। उन्होंने बताया कि आईएनएस तलवार को भी खोज एवं राहत अभियान के लिए तैनात किया गया है। कमांडर मधवाल ने बताया, 'जीएएल कंस्ट्रक्टर नामक बजरे से भी आपात संदेश मिला था जिस पर 137 लोग सवार हैं और वह मुंबई तट से 8 नॉटिकल मील दूर स्थित है जिसकी मदद के लिए आईएनएस कोलकाता को रवाना किया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई, थाणे और अन्य तटीय जिलों में स्थिति का जायजा लिया। महाराष्ट्र में लगातार तेज बारिश की वजह से 12,000 से ज्यादा नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। भारतीय तटरक्षक बल ने 12 मछुआरों को बचा लिया है, जो कोच्चि तट से 12 नॉटिकल मील दूरी पर फंसे थे। उधर मध्य प्रदेश में भी चक्रवात के कारण बारिश हो रही है और राज्य के 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चक्रवात को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों ने वार रूम बनाए हैं। उन्होंने अतिरिक्त डीजल जेनरेटरों का इंतजाम किया है और नेटवर्क में किसी तरह के व्यवधान से निपटने की तैयारी की है। वीआई के प्रïक्ता ने कहा कि हमने पर्याप्त ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित की है और इसके साथ ही मोबाइल डीजी, अहम उपकरणों व वाहनों का प्रबंध किया गया है, जिससे प्रमुख स्थानों पर तत्काल पहुंचा जा सके। एयरटेल ने कहा कि उसने 24 घंटे निगरानी के लिए वार रूम बनाया है। साथ में एजेंसियां
