देश का सबसे बड़ा ऋणदाता बैंक (एसबीआई) बड़ी और मध्य आकार की स्वास्थ्य देखभाल कंपनियों को बुनियादी ढांचा और क्षमताओं के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दे सकता है। एसबीआई के प्रबंध निदेशक अश्वनी भाटिया ने कहा कि अस्पताल का बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए धन की जरूरत वाली कंपनियों के साथ चर्चा हुई है। एहतियात बररते हुए बैंक 10,000 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये का ऋण दे सकता है।
ऋण केवल मध्य से दीर्घावधि के लिए ही फलीभूत होंगे क्योंकि कंपनियां महामारी से उपजी तुरंत आवश्यकतों के परे लंबी अवधि के लिए मांग का आकलन करेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 31 मार्च, 2022 तक के लिए रीपो दर पर तीन साल की अवधि के लिए मांग के आधार पर 50,000 करोड़ रुपये की तरलता मुहैया कराएगा। रिजर्व बैंक की ओर से इस उपाय का उद्देश्य देश में महामारी संबंधी स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे और सेवाओं को मजबूत करने के लिए तुरंत नकदी मुहैया कराने के लिए प्रावधानों को बढ़ावा देना है। बड़ी दवा कंपनियों के पास पर्याप्त संसधान हैं और अपना विस्तार करने तथा वृद्घि के लिए उनकी ओर से बैंकों से ऋण लेने की संभावना नहीं है।