पिछले साल भारतीय बाजारों में आई तेजी की वजह से स्मॉलकैप फंडों में मजबूत प्रतिफल दर्ज किया गया। 24 स्मॉलकैप योजनाओं में से 17 ने एक साल में 100 प्रतिशत से ज्यादा प्रतिफल दिया। चैल्यू रिसर्च से प्राप्त आंकड़े के अनुसार इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शक क्वांट स्मॉल कैप फंड रहा, जिसने 214 प्रतिशत प्रतिफल दिया, जिसके बाद कोटक स्मॉल कैप फंड ने 132.4 प्रतिशत प्रतिफल दिया। सभी प्रतिफल डायरेक्ट योजनाओं के हैं। यूनियन एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) विनय पहाडिय़ा का कहना है, 'स्मॉलकैप फंडों का प्रतिफल पिछले साल के कम आधार की वजह से काफी मजबूत दिख रहा है। यदि हम वित्त वर्ष 2020 को देखें तो पता चलता है कि इक्विटी बाजारों के सभी सेगमेंट (लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप) पिछले साल मार्च में आई भारी गिरावट की वजह से कमजोर रहे। स्मॉलकैप की प्रवृत्ति ऐसी है कि वे लंबी अवधि के दौरान लार्जकैप और मिडकैप के मुकाबले ज्यादा अस्थिर भी रहते हैं और उनमें प्रतिफल भी बेहतर रहता है।'पिछले एक साल में, आर्थिक सुधार के साथ साथ पर्याप्त तरलता और आने वाले आय में आय वृद्घि की उम्मीदों से स्मॉलकैप शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक पिछले एक साल में (12 मई, 2021 तक) 106 प्रतिशत चढ़ा। तुलनात्मक तौर पर बीएसई के सेंसेक्स में इस अवधि में 55. प्रतिशत और बीएसई मिडकैप में 81.8 प्रतिशत की तेजी आई। स्मॉलकैप द्वारा दिए गए मजबूत प्रतिफल ने निवेशकों को आकर्षित किया है और पिछले दो महीने में, स्मॉलकैप योजनाओं में शानदार पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया। म्युचुअल फंड उद्योग के संगठन एम्फी से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, स्मॉलकैप फंडों ने मार्च और अप्रैल के महीनों में 336 करोड़ रुपये और 184 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया। हालांकि यह मात्रा पर्याप्त नहीं कही जा सकती, लेकिन इससे रुझान में आ रहे बदलाव का संकेत मिलता है। इससे पहले आठ महीनों में से सात में इस श्रेणी से करीब 4,300 करोड़ रुपये की नि कासी दर्ज की गई थी।निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल स्मॉलकैप फंड जैसी योजनाओं ने एक साल में 119 प्रतिशत और 115 प्रतिशत प्रतिफल दिया। करीब 71,700 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों के साथ, स्मॉलकैप फंड इक्विटी फंडों में महत्वपूर्ण श्रेणियों में शामिल रहे हैं। वैल्यू रिसर्च से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, 100 प्रतिशत से ज्यादा प्रतिफल देने वाले 17 फंडों की परिसंपत्तियां करीब 56,000 करोड़ रुपये हैं। इस तरह के मजबूत प्रतिफल के साथ म्युचुअल फंड उद्योग यह मान रहा है कि दीर्घावधि निवेश अवधि वाले निवेशकों को ही मौजूदा स्तरों पर निवेश करना चाहिए। सुंदरम म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक सुनील सुब्रमण्यम का कहना है, 'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि स्मॉलकैप अब बहुत ज्यादा चढ़ चुके हैं, लेकिन इनमें आगामी संभावनाओं का असर पहले ही इनकी कीमतों पर दिख चुका है।'वह कहते हैं कि निवेशकों को पांच वर्षीय परिदृश्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी, क्योंकि स्मॉलकैप का मूल्यांकन चढ़ चुका है। सुब्रमण्यम कहते हैं, 'स्मॉलकैप घरेलू अर्थव्यवस्था पर केंद्रित हैं और मौजूदा संकट को देखते हुए हमें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ समय देना होगा।' निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि स्मॉलकैप योजनाएं लार्ज- और मिडकैप के मुकाबले जोखिमपूर्ण हैं और अल्पावधि में इनमें अस्थिरता गहरा सकती है। पिछले तीन साल में, स्मॉलकैप श्रेणी द्वारा दिया गया प्रतिफल 8.73 प्रतिशत रहा, जो मिडकैप और लार्जकैप श्रेणियों के 10.29 प्रतिशत और 10.64 प्रतिशत के मुकाबले कम है। बाजार कारोबारियों को आशंका है कि निवेशक सिर्फ पिछले अल्पावधि प्रतिफल पर विचार कर सकते हैं और उनके प्रतिफल से निराश हो सकते हैं। लैडर फाइनैंशियल एडवायजरीज के संस्थापक सुरेश सदगोपन का कहना है, 'निवेशक सिर्फ पिछले प्रतिफल पर ध्यान दे सकते हैं, लेकिन पहले जो (प्रतिफल) हुआ है, वह भविष्य में शायद संभव नहीं हो सकता है।'स्मॉलकैप शेयरों में शानदार तेजी के बावजूद, फंड प्रबंधकों का मानना है कि कुछ क्षेत्र आकर्षक हैं और आने वाले वर्षों में अच्छा प्रतिफल दे सकते हैं। पहाडिय़ा का कहना है, 'यदि हम अपने 180-200 शेयरों के पोर्टफोलिीयो में न सिर्फ स्मॉलकैप बल्कि लार्जकैप और मिडकैप को भी देखें तो पता चलता है कि इनमें से कोई भी सेगमेंट मौजूदा समय में सस्ता या महंगा नहीं है, और बाजार फिलहाल सभी सेगमेंट में उचित तौर पर सक्षम है।'
