टाटा डिजिटल जुटाएगी रकम | अभिजित लेले और शिवानी शिंदे / मुंबई May 14, 2021 | | | | |
टाटा संस की डिजिटल कारोबार इकाई टाटा डिजिटल एक वाणिज्यिक प्रपत्र के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। टाटा समूह पर नजर रखने वाले एक विश्लेषक ने कहा कि कंपनी अपने डिजिटल विकास एवं परिचालन खर्च की तैयारी कर रही है जिसके लिए उसे रकम जुटाने की आवश्यकता होगी। टाटा डिजिटल टाटा समूह के उपभोक्ता कारोबार की राजस्व वृद्धि को रफ्तार देने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने की प्रक्रिया में हैं। टाटा डिजिटल ने बिग बास्केट में 64 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के जरिये ई-ग्रोसरी श्रेणी में भी दस्तक दी है।
टाटा डिजिटल के सीईओ प्रतीक पाल को इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए टाटा डिजिटल के वाणिज्यिक पत्र को 'ए1प्लस' रेटिंग दी है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के एक नोट में कहा गया है, 'टाटा समूह की समग्र डिजिटल आकांक्षाओं में टीडीएल (टाटा डिजिटल) के महत्त्व को देखते हुए इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि टीडीएल न केवल समय पर इस प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेगी बल्कि उस पर टाटा समूह के प्रमुख उपभोक्ता ब्रांडों को भी लाएगी। साथ ही, इस प्लेटफॉर्म के विकास पर होने वाले खर्च और परिचालन खर्च को पूरा करने के लिए वित्त पोषण की शुरुआती आवश्यकता अधिक हो सकती है। इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि टीएसएल (टाटा संस) पर्याप्त इक्विटी पूंजी निवेश करेगी ताकि टीडीएल में ऋण बोझ के स्तर को नियंत्रित रखा जा सके। इंडिया रेटिंग्स उम्मीद करती है कि दीर्घावधि में टीडीएल पर्याप्त राजस्व सृजन क्षमता के साथ एक उपयोगकर्ताओं का उल्लेखनीय आधार हासिल करेगी। इससे टीएसएल के लिए टीडीएल का रणनीतिक महत्त्व बरकरार रहेगा।'
नोट में कहा गया है कि टीडीएल का एकल वित्तीय स्थिति कोई खास नहीं है क्योंकि उसके पास अब तक कोई उल्लेखनीय परिचालन नहीं है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 में 12.7 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो वित्त वर्ष 2020 में 5.3 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी के जारी किए गए एवं खरीदे गए शेयरों का मूल्य 21 मार्च 2021 के अनुसार 600 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का एबिटा घाटा 306.1 करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2020 में 57.1 करोड़ रुपये रहा था।
हाल में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने टाटा डिजिटल द्वारा बिग बास्केट में बहुलांश हिस्सेदारी (64.3 फीसदी) के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। इस मंजूरी के साथ ही टाटा डिजिटल अलीबाबा, ऐक्टिस एलएलपी और आईएफसी जैसे निवेशकों को बाहर निकलने का अवसर प्रदान करेगी। कंपनी में अलीबाबा की करीब 29 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि ऐक्टिस एलएलपी की 16.3 फीसदी और आईएफसी की 4.1 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा समूह ने करीब 9,300 करोड़ रुपये में इन हिस्सेदारियों के अधिग्रहण की योजना को अंतिम रूप दिया है।
टाटा डिजिटल ने ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा प्लेटफॉर्म 1एमजी में शुरुआती निवेश किया है। खबरों के अनुसार, टाटा डिजिटल ने अनिवार्य परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिये 1एमजी में 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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