सरकार ने कोविशील्ड टीके की पहली और दूसरी खुराक लगवाने के बीच का समय बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया है। पहले दोनों के बीच 6 से 8 हफ्ते का अंतर रखना होता था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कहा कि अतिरिक्त आंकड़ों खास तौर पर ब्रिटेन के वास्तविक अनुभव के आधार पर पाया गया है कि टीके की दो खुराक के बीच ज्यादा अंतराल होने से यह अधिक असरदार होता है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक देश को आठ अलग-अलग टीकों की 2 अरब से ज्यादा खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद है।
कोविड कार्यसमूह द्वारा कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अंतराल बढ़ाए जाने की सिफारिश पर पॉल ने कहा, 'यह निर्णय नियमित अंतराल पर की जाने वाली समीक्षा का हिस्सा है। वैज्ञानिक दृष्टिïकोण से देखें तो स्थिति लगातार बदल रही है। यह विज्ञान पर आधारित निर्णय है। वास्तविक जीवन के अनुभवों के आधार पर लिए गए इस निर्णय के प्रति हमें भरोसा है। कृपया हमारी वैज्ञानिक प्रक्रिया पर भरोसा रखें।'
यह निर्णय विशेषज्ञों से परामर्श के बाद लिया गया है, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के भी विशेषज्ञ शामिल हैं। टीकाकरण पर राष्टï्रीय तकनीकी परामर्श समूह ने भी अपनी बैठक में कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अंतराल बढ़ाने की सिफारिश की है। कोवैक्सीन टीके के खुराक के बीच अंतराल में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पॉल ने कहा, 'टीकाकरण के बाद संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे और टीका लगाने का एकमात्र मकसद संक्रमण से सुरक्षा है। पहले इसी वजह से दो खुराक के बीच अंतराल बढ़ाकर 6 से 8 हफ्ते किया गया था।' भारत में 45 साल से ऊपर की करीब एक-तिहाई आबादी को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। टीकाकरण के लिहाज से लद्दाख, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने राष्टï्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है मगर कई राज्य राष्टï्रीय औसत से पीछे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी खुराक के पात्र लोगों में से करीब आधे को टीका लग चुका है। पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, केरल, आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों में पात्र आबादी के करीब 70 फीसदी हिस्से को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।