कार्यस्थलों पर कम जा रहे लोग, बिजली उत्पादन गिरा | सचिन मामबटा और कृष्ण कांत / May 10, 2021 | | | | |
कोविड-19 के मामलों में इजाफे से ऐसे कई संकेतकों में गिरावट आई है, जिनमें पहले बढ़त का रुख था। देश में सप्ताह के दौरान एक से अधिक मौकों पर चार लाख से ज्यादा दैनिक मामले सामने आए हैं। यह दुनिया में सर्वाधिक नए मामले जोडऩे वाला देश बन गया है। अवर वल्र्ड इन डेटा के अनुसार भारत में दक्षिण अमेरिका और यूरोप महाद्वीप की तुलना में अब हर रोज अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
सर्च इंजन गूगल के आवागमन के आंकड़े बताते हैं कि कार्यस्थल की यात्रा में 46.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। वैश्विक महामारी के दौरान लोग किस तरह आवागमन करते हैं, इस बात को जानने के लिए यह अपने उपयोगकर्ताओं की स्थिति के आंकड़ों पर निगाह रखता है। खुदरा और मनोरंजन संबंधी यात्राओं में 58.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। यहां तक कि किराने का सामान और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी में भी 18.7 प्रतिशत की कम आई है।
देश द्वारा उत्पादित बिजली की मात्रा वर्ष 2019 की तुलना में कम है। वर्ष 2020 के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान सालाना आधार पर काफी गिरावट आने के बाद इस वर्ष की शुरुआत में इसमें दो अंकों का इजाफा नजर आया था। कार्यस्थलों की तरह कारखानें भी बंद हो गए थे। इस दफा लॉकडाउन ज्यादा स्थानीयकृत कर दिया गया है। मुंबई और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में यातायात की भीड़-भाड़ इस समय आम तौर पर जितनी रहती है, उसके मुकाबले करीब 20 प्रतिशत है। स्थिति की जानकारी देने वाली वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई, जहां मामलों की संख्या में गिरावट आ रही है, में यातायात नई दिल्ली के मुकाबले कुछ ज्यादा था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड वाहनों और औद्योगिक गतिविधि से निकलने वाले नाइट्रोजन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर भी निगाह रखता है। हाल के सप्ताह में मुंबई के उत्सर्जन में वृद्धि देखी गई है, लेकिन दिल्ली के मामले में यह 61 प्रतिशत कम रहा। भारतीय रेलवे के आंकड़ों में पिछले वर्ष के लॉकडाउन के मुकाबले इजाफा हुआ है। पिछले साल की तुलना में सभी क्षेत्रों में अधिक मात्रा में माल ढुलाई हुई है। ढुलाई की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं की संख्या में भी अधिक है। इनमें सीमेंट और संबंधित उत्पाद, खनिज और अयस्कों के साथ-साथ कोयला और कोक भी शामिल हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड आधिकारिक आंकड़ों से पहले अर्थव्यवस्था की मौजूदा तस्वीर पाने के उपाय के रूप में इन संकेतकों पर नजर रखता है। महामारी के दौरान जमीनी स्तर की स्थिति जानने के लिए वैश्विक स्तर पर विश्लेषक इसी प्रकार के आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं। गूगल के अलावा सभी आंकड़े रविवार, 9 मई तक के हैं। गूगल के नवीनतम आंकड़े 5 मई तक के हैं।
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