भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान चला रहा है, लेकिन 1एमजी, प्रैक्टो और फार्मईजी जैसे स्वास्थ्य क्षेत्र के स्टार्टअप का लाखों लोगों के टीकाकरण का प्रयास खटाई में पड़ता दिख रहा है। ये स्टार्टअप विभिन्न कंपनियों के लाखों कर्मचारियों को टीका लगाना चाहते हैं मगर उसके लिए टीके ही नहीं मिल पा रहे हैं। 1एमजी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत टंडन ने कहा कि कंपनी को टीकाकरण शुरू करने में 4 से 6 हफ्ते लग सकते हैं। हैदराबाद की स्वास्थ्य देखभाल स्टार्टअप ईकिनकेयर ने ओयो, फ्लिपकार्ट, स्विगी, ब्लैकरॉक, माइक्रॉन और केपीएमजी जैसी कंपनियों के भारतीय कर्मचारियों को कोविड-19 टीका लगाने के लिए 1 एमजी के साथ हाथ मिलाया है। टंडन ने बताया कि 1एमजी ने बैकएंड और परिचालन का ऐसा नेटवर्क तैयार किया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा सके। उन्होंने कहा, 'अधिकतर टीका विनिर्माताओं के पास पहले से ही बहुत अधिक ऑर्डर हैं। कार्यक्रम शुरू होने में तीन से चार हफ्ते लग सकते हैं।' स्टार्टअप टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए 2,500 कर्मचारियों का नेटवर्क तैयार कर रहा है। 1एमजी ने टीके की आपूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं सहित सभी टीका विनिर्माताओं से बात कर रही है। टंडन ने कहा, 'हर शहर में हमारे पास बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है इसलिए हम अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के विकास पर 15 से 20 लाख डॉलर निवेश करने की सोच रहे हैं।' ईकिनकेयर के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी किरण कलाकुंतला ने कहा, 'हर दो में से एक कंपनी अपने खर्च पर कर्मचारियों और उनके आश्रितों को टीका लगवाने की बात कर रही है। हम टीके की मांग पूरी करेंगे और 1एमजी उसकी आपूर्ति तथा जमीनी स्तर पर उसे लगाने का काम देखेगी।' उन्होंने बताया कि इस बारे में 500 से ज्यादा कंपनियों से बात चल रही है। टंडन ने कहा, 'हम कर्मचारियों और उनके आश्रितों के टीकाकरण की प्रक्रिया संभालने का काम करेंगे। लेकिन टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण हम इसे शुरू नहीं कर पा रहे हैं।' मुंबई की फार्मईजी ने कहा कि शिविरों और टीका केंद्रों के जरिये अगली कुछ तिमाहियों में 3 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाने का उसका लक्ष्य है। इसके लिए कंपनी देश भर में अपने 80,000 रिटेल साझेदारों, 5,000 चिकित्सकों और सभी सुविधाओं वाली दवा आपूर्ति शृंखला का इस्तेमाल करेगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने कहा, 'फार्मईजी को मई के चौथे हफ्ते में टीके का स्टॉक मिल सकता है, जो बड़े आकार की कंपनियों और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों के लिए जरूरी होगा।' कंपनी ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। फार्मईजी के सह-संस्थापक धर्मिल शेठ ने पहले कहा था, 'हमारे टीकाकरण अभियान का मकसद आसानी से टीका उपलब्ध कराना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद मिले। दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए हम टीकाकरण शिविर और केंद्र स्थापित कर संक्रमण की कड़ी को तोडऩे में अपना योगदान देना चाहते हैं।' सिकोया इंडिया के सहयोग वाली स्टार्टअप प्रैक्टो का भी 1 करोड़ से अधिक भारतीयों को टीके लगाने का लक्ष्य है। इसने देश भर की कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट सुरक्षा नाम से टीकाकरण कार्यक्रम की घोषणा की है और उसका दावा है कि 500 से ज्यादा कंपनियों ने इसके पहले चरण में हिस्सेदारी में दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अभी देखा जा रहा है कि कितने टीकों की मांग होगी। प्रैक्टो टीकाकरण के लिए शिविर लगाएगी।
