देश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है जबकि टीके की उपलब्धता को लेकर चिंता जताई जा रही है। टीके की पर्याप्त आपूर्ति में समस्याओं को देखते हुए निजी अस्पतालों के नेटवर्कों का कहना है कि वे स्थानीय कंपनियों से आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ टीके का आयात करने का विकल्प भी तलाश रहे हैं। दो प्रमुख अस्पताल समूहों- अपोलो हॉस्पिटल्स और फोर्टिस हेल्थकेयर- ने कहा है कि उनके लिए टीके का आयात करने का विकल्प खुला है। जरूरत पडऩे पर आयात संबंधी विकल्पों का आकलन किया जाएगा। अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा कि उन्होंने टीकाकरण अभियान की योजना काफी पहले बना ली थी और उनके यहां दोनों विनिर्माताओं- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक- से आपूर्ति हुई है। अपोलो अब रोजाना 30,000 लोगों को टीका लगा रहा है। रेड्डी ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा, 'हमारे पास कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों हैं, लेकिन स्टॉक तेजी से खत्म हो रहे हैं। ऐसे में आयात करने की क्षमता काफी उपयोगी साबित होगी। हमने इन टीकों के आयात के लिए कुछ रकम अलग रखी है।' अपोलो अपनी आयात योजना को आगे बढ़ाने के लिए दवा विनियामक के साथ काम करेगा। दिल्ली की अस्पताल कंपनी फोर्टिस हेल्थकेयर भी टीकों के आयात के लिए तैयार है। फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि कीमत आदि मुद्दों के अधिक स्पष्ट होने के बाद वे निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे। उन्होंने कहा, 'टीकों की आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है। स्थानीय विनिर्माताओं से हमें अभी तक पर्याप्त टीके नहीं मिल रहे हैं। हमें केवल भारत बायोटेक से करीब 50,000 खुराक मिली है और सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया से अब तक कोई आपूर्ति नहीं हुई है।' कोविड-19 टीकों की खरीद सुविधाओं के लिए अस्पताल समूहों ने साथ आना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिए एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोफाइडर्स (इंडिया) और सीआईआई देश भर के 4,000 से अधिक अस्पतालों से जानकारी जुटाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं ताकि टीके की मांग के बारे में पता लगाया जा सके। साथ ही यह भी पता लगाया जा सके कि आपूर्ति किस प्रकार की जा सकती है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोफाइडर्स (इंडिया) के चेयरमैन (पश्चिमी क्षेत्र)और मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल के मुख्य परिचालन अधिकारी जॉय चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने देश भर के 4,000 अस्पतालों से जानकारी जुटाना पहले ही शुरू कर दिया है ताकि कोविड-19 टीके की मांग के बारे में अनुमान लगाया जा सके। साथ ही यह भी देखने की की कोशिश की जा रही है कि मांग को स्थानीय खरीद के जरिये पूरा किया जा सकता है अथवा आयात करना पड़ेगा। चक्रवर्ती ने कहा, 'हम उन विनिर्माताओं से बात कर रहे हैं जो टीके का आयात कर सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जो टीका लगवाना चाहते हैं उनके लिए पर्याप्त आपूर्ति हो सके।' हालांकि कुछ अस्पताल समूह कोविड-19 टीकों के लिए स्थानीय विनिर्माताओं पर निर्भर रहना चाहते हैं। मणिपाल हॉस्पिटल्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक दिलीप जोस ने कहा कि वे फिलहाल स्थानीय विनिर्माताओं पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, 'हमें भारत बायोटेक से टीके प्राप्त हुए हैं और हम सीरम इंस्टीट्यूट से भी बात कर रहे हैं। टीका विनिर्माताओं ने हमें आश्वस्त किया है कि निजी अस्पतालों के लिए आपूर्ति जून के मध्य तक सुचारु हो जाएगी।' अस्पताल उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि निकट भविष्य में आयात का कोई खास मतलब नहीं होगा क्योंकि उसकी मात्रा अधिक नहीं होगी। हालांकि इससे लोगों के लिए टीके का अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे और वे अपनी पसंद का टीका चुन सकेंगे।
